आज दिनाँक 26 अप्रैल 2025 को पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) द्वारा विश्व बौद्धिक संपदा दिवस का आयोजन एनएएससी परिसर, नई दिल्ली में किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर अशुतोष शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. टी. महापात्रा, अध्यक्ष, पीपीवीएफआरए; डॉ. पी.के. सिंह, कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार; डॉ. विश्वजननी सत्तिगेरी, प्रमुख, टीकेडीएल, सीएसआईआर; तथा डॉ. रजत कुमार, संयुक्त सचिव (बीज), कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार भी मौजूद रहे। इस अवसर पर, डॉ. दीपक शर्मा, प्रोफेसर, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजीकेवी), रायपुर तथा छत्तीसगढ़ में पीपीवीएफआरए के नोडल अधिकारी, को कृषक किस्मों के संग्रहण, प्रलेखन, पंजीकरण और सुधार में उनके अद्वितीय योगदान के लिए माननीय मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशुतोष शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया।

डॉ. शर्मा ने लगभग 600 कृषक किस्मों के पंजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें अनाज, दलहन, तिलहन, फूल, फल एवं अन्य पौधे शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि उनके प्रयासों से 72 फसल प्रजातियों की 2000 से अधिक कृषक किस्मों के पंजीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं।
उनके प्रयासों से राज्य के किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर 17 प्रतिष्ठित “प्लांट जीनोम संरक्षक पुरस्कार” प्राप्त हुए हैं, जिसमें 2 किसान समूहों और 15 व्यक्तिगत किसानों को यह सम्मान मिला है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तीन सामुदायिक बीज बैंकों की स्थापना करवाई है तथा किसानों को पौधा किस्म संरक्षण और कृषक अधिकारों के प्रति जागरूक करने हेतु 100 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं। यह सम्मान कृषि नवाचार तथा कृषक जैव विविधता के संरक्षण हेतु डॉ. शर्मा की अथक प्रतिबद्धता का प्रमाण है।