छत्तीसगढ़ में आरटीई (RTE) 12(1)(c) योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नोडल सत्यापन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 कर दिया गया है। पहले यह तिथि 25 अप्रैल निर्धारित थी। यह निर्णय उन बच्चों के हित में लिया गया है जिनके आवेदन किसी दस्तावेजी त्रुटि या अपूर्णता के कारण अब तक अप्रूव नहीं हो पाए हैं।
पालक रहें सजग, लेन-देन से बचें
प्रवेश प्रक्रिया पूर्णतः निःशुल्क, ऑनलाइन और लॉटरी आधारित होती है। आरटीई के प्रभारी प्राचार्य एवं नोडल अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पालकों को किसी दलाल या बाहरी व्यक्ति से लेन-देन नहीं करना चाहिए। यदि किसी विद्यालय या व्यक्ति द्वारा प्रवेश के नाम पर पैसे की मांग की जाती है, तो पालक सीधे BEO या DEO को शिकायत कर सकते हैं। इस प्रकार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है RTE 12(1)(c) योजना?
RTE अधिनियम भारत की संसद द्वारा 4 अगस्त 2009 को पारित किया गया था और 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी हुआ। छत्तीसगढ़ में इसका लाभ सत्र 2010-11 से दिया जा रहा है। पहले योजना कक्षा 8वीं तक सीमित थी, जिसे अब राज्य स्तर पर संशोधित कर कक्षा 12वीं तक बढ़ा दिया गया है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के गैर-अनुदान प्राप्त व गैर-अल्पसंख्यक निजी स्कूलों की प्रारंभिक कक्षाओं में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर और असुविधाग्रस्त बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। पात्रता के अनुसार, 3 से 6.5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे इसमें आवेदन कर सकते हैं।
सामाजिक समावेशन और समानता की दिशा में पहल
आरटीई योजना का मूल उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच सामाजिक समावेशन और समानता को बढ़ावा देना है। अब तक छत्तीसगढ़ में लगभग 2.9 लाख छात्र इस योजना के तहत नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
अंतिम मौका: 30 अप्रैल तक पूरी करें सत्यापन प्रक्रिया
जिन पालकों के आवेदन डॉक्यूमेंट की कमी या किसी अन्य कारण से अटके हुए हैं, वे 30 अप्रैल तक संशोधित दस्तावेज प्रस्तुत कर फिर से अप्रूवल प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
नोट: आरटीई से जुड़ी किसी भी जानकारी या समस्या के लिए संबंधित BEO/DEO कार्यालय से संपर्क करें। योजना से जुड़ी पारदर्शिता को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।