भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत रुझनों (VTR) की रिपोर्टिंग प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत करने की घोषणा की है। अब मतदान के दिन हर दो घंटे में पीठासीन अधिकारी (PRO) ECINET ऐप के माध्यम से रीयल-टाइम में डेटा अपडेट करेंगे। इस नई व्यवस्था से मतदान रुझनों में देरी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी और आम जनता को समय पर सटीक जानकारी मिल सकेगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में की गई इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता और सूचना की गति को बढ़ाना है। ECINET ऐप के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों को हर दो घंटे में VTR ऐप पर अपडेट किया जाएगा, जिससे मतदाताओं, राजनीतिक दलों और मीडिया को ताजा आंकड़े मिलते रहेंगे।
क्या बदलेगा नई व्यवस्था में?
अब तक मतदान प्रतिशत की जानकारी मैन्युअली सेक्टर अधिकारियों द्वारा फोन कॉल, मैसेज या SMS के जरिए भेजी जाती थी।
VTR ऐप पर डेटा अपलोड में 4–5 घंटे या उससे अधिक की देरी हो जाती थी।
अब PRO हर दो घंटे में ECINET ऐप पर आंकड़े दर्ज करेंगे।
मतदान समाप्ति के बाद PRO केंद्र छोड़ने से पहले ऐप में अंतिम डेटा दर्ज करेंगे।
नेटवर्क न होने पर भी डेटा ऑफलाइन दर्ज कर लिया जाएगा और बाद में सिंक होगा।
कानूनी प्रक्रिया यथावत रहेगी
निर्वाचन नियम 1961 के नियम 49S के अनुसार, मतदान के बाद पीठासीन अधिकारी अब भी उम्मीदवारों के एजेंटों को फॉर्म 17C में मतदान का विवरण देंगे। यह कानूनी आवश्यकता बरकरार रहेगी, लेकिन डिजिटल प्रक्रिया इसे पूरक और तेज़ बनाने का कार्य करेगी।
बिहार चुनाव से होगी शुरुआत
इस डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से की जाएगी, जहां VTR और ECINET सिस्टम एकीकृत रूप में काम करेंगे। इससे न केवल रिपोर्टिंग प्रक्रिया अधिक तेज़ और सटीक होगी, बल्कि चुनाव आयोग की पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रतिबद्धता भी और मजबूत होगी।
इस पहल को चुनावी प्रक्रिया में एक बड़ा तकनीकी सुधार माना जा रहा है, जिससे मतदान प्रतिशत को लेकर फैली आशंकाएं और भ्रम की स्थिति खत्म होगी।