रायपुर. आज विधानसभा परिसर के प्रेक्षागृह में संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, सांसद, राज्यसभा ने व्यवहारिक पहलुओं पर केन्द्रित करते हुए संसदीय रिपोर्टिं रिपोर्टिंग के संबंध में सारगर्भित जानकारी रोचक शैली में प्रस्तुत की ।



उन्हांने कहा कि-पहले छत्तीसगढ़ राज्य समस्याओं का गढ़ माना जाता था लेकिन आज छत्तीसगढ़ ने पूरे में विकास के नये सोपान तय कर लिये हैं । उन्हांने कहा कि-आज सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने के कारण पत्रकारों का काम अत्यंत जटिल हो गया है । चूंकि जनता को सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से सूचना और जानकारी तो मिल जाती है लेकिन आम जनता उस चर्चा एवं घटनाक्रम का विश्लेशण भी चाहती है । उस चर्चा का इतिहास एवं पृष्ठभूमि भी चाहती है ।
उन्हांने कहा कि-संसद का कानून मानना हर विधान मंडल की बाध्यता है । लेकिन कुछ राज्यों की विधान सभाऐं अपनी कार्यवाही स्वयं के तरीके से करती है, ऐसी स्थिति में संसदीय पत्रकारों के लिए रिपोर्टिंग का काम थोड़ा जटिल हो जाता है । उन्हांने कहा कि-जब कहीं तेजी से विकास होता है तो कुछ लोग उसे रोकने का प्रयास भी करते हैं लेकिन इसके पश्चात भी हमोर देश नें विश्व गुरू बनकर अपनी उत्तरोत्तर स्वीकार्यता का प्रमाण प्रस्तुत किया है । इस अवसर पर दोनो प्रमुख वक्ताओं डॉ. संजय द्विवेदी, पूर्व निदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान एवं प्रोफेसर माखन लाल चतुर्वेदी, राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्व विद्यालय, भोपाल एवं डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, सांसद, राज्यसभा का शाल, श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में संसदीय कार्यमंत्री श्री केदार कश्यप ने सभी मान. अतिथियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया गया।













