विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी को लेकर सदन में विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया और कहा कि बिजली दरों में वृद्धि से आम जनता बुरी तरह परेशान है।
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन मीटरों के कारण लोगों को अत्यधिक बिल आ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। वहीं लखेश्वर बघेल ने बस्तर में ट्रांसफार्मर लगाने में हो रही देरी का मुद्दा उठाया।
सीएम साय का पलटवार: मामूली बढ़ोतरी, जनसुनवाई के बाद हुआ टैरिफ निर्धारण
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि टैरिफ में केवल 1.89% की मामूली वृद्धि की गई है, जो व्यापक जनसुनवाई के बाद निर्धारित हुई। उन्होंने कहा, “घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 10 से 20 पैसे की ही बढ़ोतरी हुई है। कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत पंपों का भुगतान सरकार करती है, ऐसे में किसानों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि पंपों को 18 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत भी काम तेजी से चल रहा है।
स्थगन प्रस्ताव को अध्यक्ष ने किया खारिज
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि “सूर्यघर योजना पर काम सिर्फ कागजों में नहीं, जमीन पर भी दिखना चाहिए।”