छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के घटक संगठनों की बैठक 13 अगस्त को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित हुई।बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों की सात सूत्रीय मांग को लेकर तात्कालिक हड़ताल करने की बजाय छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य मंत्री एवं वित्त मंत्री से चर्चा कर मांगो का समाधान किया जाए यदि शासन की हठधर्मिता दिखाई दे तभी प्रदेश व्यापी आंदोलन का रुख अख्तियार किया जाए।आज की बैठक में सात सूत्रीय जिन कॉमन मांगो पर सहमति बनी वह इस प्रकार है मोदी की गारंटी में सम्मिलित जुलाई 2019 से दिए गए समस्त डीए एरियर्स को जीपी एफ खाते में समाहित किया जाय,केंद्र के सामान एक जनवरी 2025 से देय दो प्रतिशत डीए/डीआर देय तिथि से कर्मचारियों एवं पेंशनरों की दिया जाय,300 दिवस के अर्जित अवकाश का नकदीकरण,मध्यप्रदेश की तर्ज पर चतुर्थ समयमान वेतनमान ।
दैनिक,कार्यभारित,संविदा,अनियमित एवं आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं पूर्ण वेतनमान का लाभ ,भाजपा शासित अन्य राज्यों की तरह राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा तथा पेंशनरों के लिए मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49(6) को विलोपित किया जाय।
बैठक में मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं संरक्षक तीरथ लाल सेन,कर्मचारी अधिकारी महासंघ के संरक्षक ओ पी शर्मा,लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह,प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष भूपेंद्र राय, प्रांतीय महामंत्री एस पी देवांगन,कोषालयीन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ जितेंद्र सिंह ठाकुर,प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष करण सिंह अटेर रिया ,शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महामंत्री सुनील यादव,छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष गोपाल साहू,छत्तीसगढ़ पेंशन धारी कल्याण संघ के वाय ए कुरैशी,सोमेश शर्मा सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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