रायपुर .इंसानों को अदालतों में सजा सुनाते तो आपने सुना है, लेकिन देवी-देवताओं की अदालत लगने, सजा सुनाने या फिर दोषमुक्त कर दिए जाने की आदिम संस्कृति का नजारा केशकाल में शनिवार को नजर आया। गांव में कोई आपदा आने, मन्न्तें पूरी नहीं होने या जीवन में कोई बड़ी विपत्ति आने पर ग्रामीण इसके लिए देवी-देवताओं को दोषी ठहराते हुए भंगाराम देवी की अदालत में उनकी शिकायत करते हैं। शनिवार की शाम केशकाल घाटी के ऊपर मंदिर में विराजित भंगाराम देवी की अदालत में देवी-देवताओं की पेशी हुई। इसमें श्रद्धालुओं ने जहां अपने कुलदेवी- देवताओं पर आरोप की झड़ी लगाई, वहीं पुजारियों ने देवी-देवताओं की ओर से उनका पक्ष रखा। शिकवा-शिकायतों के बाद कुछ देवी-देवताओं की सजा भी मुकर्रर हुई, वहीं कुछ को निलंबित भी किया गया। साल में एक बार होने वाले जातरा में अंचल के नौ परगना के ग्राम पंचायतों के ग्रामीण अपने देवी-देवताओं को लेकर गाजे-बाजे के साथ भंगाराम देवी की अदालत में पहुंचे।एक-एक कर देवी-देवताओं की पेशी हुई। इस वर्ष देवी-देवताओं से लोगों में नाराजगी कम रही। ग्रामीणों ने देवी-देवताओं को खुश करने बलि और अन्य भेंट दी। माइजी के दरबार में देवी-देवताओं की सुनवाई चलती रही, देर रात तक। एक-एक कर उनकी सजा अथवा रिहाई सुनाई गई ।
[metaslider id="184930"
Previous Articleबस्तर का अनोखा लिंगेश्वरी मंदिर जो साल में सिर्फ एक दिन खुलता है
Next Article छत्तीसगढ़ के कुटुमसर गुफा में अंधी मछलियों का रहस्य
Related Posts
Add A Comment
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.












