अदाणी पावर को मध्य प्रदेश की धीरौली कोयला खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. यह कदम कंपनी की ईंधन सुरक्षा को मजबूत करेगा और आने वाले सालों में बिजली की सप्लाई को स्थिर बनाएगा. इस खदान से न सिर्फ कंपनी की जरूरतें पूरी होंगी बल्कि आसपास के पावर प्लांट को भी फायदा मिलेगा.
धीरौली खदान से मिलेगी ईंधन सुरक्षा
देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी अदाणी पावर लिमिटेड ने मंगलवार,2 सितंबर को बताया कि उसे कोयला मंत्रालय से सिंगरौली जिले की धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इस खदान का स्वामित्व अदाणी पावर की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड के पास है. खदान की सालाना अधिकतम उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन है. इसमें से 5 मिलियन टन ओपन कास्ट खनन से और बाकी भूमिगत खनन से निकलेगा.
खदान में विशाल भंडार
भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, धीरौली खदान में 558 मिलियन टन से ज्यादा का कोयला भंडार है. इसका मतलब है कि यह खदान कई दशकों तक ईंधन सुरक्षा और कंपनी के ऑपरेशंस को स्थिरता देगी.
कंपनी की भविष्य की योजना
अदाणी पावर की योजना वित्त वर्ष 2027 तक ओपन कास्ट माइनिंग की पूरी क्षमता यानी 5 मिलियन टन प्रति वर्ष हासिल करने की है. भूमिगत खनन की शुरुआत करीब नौ साल बाद होगी. कंपनी ने बताया कि इस ब्लॉक के लिए उसके पास 30 साल का खनन पट्टा है, जिससे लंबे समय तक संचालन सुनिश्चित रहेगा.













