कीव ।तीन साल से जारी युद्ध के बीच, रूस ने यूक्रेन के सुमी रेलवे स्टेशन पर ड्रोन हमला किया, जिसमें कम से कम 30 लोग घायल हुए। वहीं इस हमले से कुछ देर पहले रूस ने चेरनिहिव के पास एक बिजली नेटवर्क को निशाना बनाया और वहां ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए, जिससे 50,000 घरों में की बत्ती गुल हो गई। यूक्रेन ने इसे इसे नागरिकों पर जानबूझकर किया गया क्रूर हमला बताया है।
रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। वहीं लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा। दूसरी ओर ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस संघर्ष के जल्द खत्म होने के अभी दूर-दूर तक कोई आसार भी नहीं दिख रहे है। ऐसे में एक बार फिर रूस ने यूक्रेन पर जोरदार हमला किया। रूसी ड्रोन हमले में यूक्रेन के सुमी क्षेत्र के एक रेलवे स्टेशन पर कम से कम 30 लोग घायल हो गए हैं। इस बात की जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने दी। उन्होंने इस हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि संघर्ष की शुरूआत से ही रूस ने बार-बार यूक्रेन की रेलवे लाइन को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि अब तक कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं, जिनमें यात्री और रेलवे कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें एक ट्रेन के डिब्बे को आग में जलते हुए दिखाया गया है। जेलेंस्की ने कहा कि रूसियों को पता था कि वे नागरिकों पर हमला कर रहे हैं। यह हमला रूस की सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर हुआ।रूस के इस भीषण हमले में चेरनिहिव के पास ऊर्जा केंद्रों को नुकसान पहुंचा, जो रूस की सीमा के करीब उत्तर में एक शहर है। इस वजह से लगभग 50,000 घरों में बिजली गुल हो गई, जैसा कि क्षेत्रीय बिजली ऑपरेटर चेरनिहिवोब्लेनेरगो ने बताया। चेरनिहिव की सैन्य प्रशासन के प्रमुख दिमित्रो ब्रीजिन्स्की ने कहा कि शहर में रात के समय हुए हमले से कई आग लग गई, लेकिन उन्होंने तुरंत यह नहीं बताया कि क्या नुकसान हुआ है।यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार, रूस ने शुक्रवार को कुल 381 ड्रोन और 35 मिसाइलें दागीं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद सर्दियों से पहले यूक्रेन के बिजली नेटवर्क को नुकसान पहुंचाना और युद्ध के प्रति जनता का समर्थन कमजोर करना है। बता दें कि इससे ठीक एक दिन पहले रूस ने यूक्रेन की प्राकृतिक गैस कंपनी नाफ्तोगाज की सुविधाओं पर सबसे बड़ा हमला किया था। नाफ्तोगाज के सीईओ सेर्ही कोरेटस्की ने कहा कि ये हमले सैन्य उद्देश्य के लिए नहीं थे।













