जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. यह एनकाउंटर 13 अक्टूबर 2021 को हुआ था, जो बहुचर्चित रहा. सीबीआई टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सीन रिक्रिएट किया है. सीन क्रिएट के दौरान तत्कालीन एसएचओ लीलाराम सहित कई आरोपी मौजूद रहे. यह एनकाउंटर बनाड़ रोड पर वक्त हुआ था, जब शहर के कुख्यात बदमाश नवीन उर्फ लवली कंडारा और पुलिस के बीच सड़क पर मुठभेड़ हुई. इस दौरान लवली को पुलिस की गोली लगी और उसकी मौत हो गई. पिछले साल 9 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. मामले की जांच करने के लिए जांच अधिकारी डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह के नेतृत्व में सीबीआई टीम ने सीन रिक्रिएशन किया. जानकारी के अनुसार, लवली के परिजनों से भी सीबीआई की टीम ने मुलाकात की है. सीबीआई अब इस मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ कर इस एनकाउंटर की सत्यता की जांच करने में जुटी है.
परिजनों के बाद बदला गए जांच अधिकारी
एनकाउंटर के बाद से वाल्मीकि समाज के लोगों और लवली के परिजनों में भारी आक्रोश है. पुलिस पर उठते सवाल के बीच कई विरोध-प्रदर्शन भी हो चुके हैं. गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा की गई थी. सीबीआई की दिल्ली ब्रांच द्वारा रातानाड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम समेत 5 पुलिसकर्मियों को एफआईआर में नामजद किया गया था.
इस मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं. इस एफआईआर में लीलाराम के अलावा रातानाडा थाने में तैनात रहे कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, अंकित और विशाल को भी आरोपी है. जब मामले की जांच स्पेशल सेल के डीएसपी मोहिंदर राम को सौंपी गई तो लवली के परिवार ने विरोध किया. अब इसके बाद जांच अधिकारी बदल गया.
एनकाउंटर रोक सकती थी पुलिस- परिजन
लवली के परिजनों का आरोप है कि 13 अक्टूबर 2021 को इस एनकाउंटर से पहले रातानाडा के सेनापति भवन चौराहे के पास लवली अपनी कार में था. इस दौरान लीलाराम मेघवाल सादी वर्दी में हाथ में सरकारी पिस्टल लिए गाड़ी के पास आए और उन्होंने गाड़ी का कांच तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान लवली ने अपनी गाड़ी मौके से भगा दी. परिजनों का आरोप है कि इस घटना का सीसीटीवी सामनें आया था और उसमें स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि घटना के दौरान लीलाराम के हाथ में पिस्टल थी. ऐसे में वह टायर पर गोली मार लवली को रोक कर सकते थे, लेकिन लीलाराम ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने गाड़ी से पीछा कर उसका एनकाउंटर कर दिया. लीला राम द्वारा पीछा करने का भी सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें बनाड़ रोड पर पुलिसकर्मी ने गाड़ी तेजी से आगे लेकर लवली की गाड़ी के आगे लगा दी. उसके बाद लीला राम बाहर निकले और फायर किया, जिसमें लवली की गोली लगी.
घटना के वक्त लवली की गाड़ी में कुल छह लोग सवार थे, जिनमें से दो लोग मौके से भागने में कामयाब हुए थे. घटना के बाद पुलिस लवली कंडारा को घायल हालात में एमडीएम अस्पताल लेकर गई. उस घटना में लवली के साथ गाड़ी में सवार 3 लोगों को गिरफ्तार किया था.
पुलिसकर्मियों को किया गया था निलंबित
13 अक्टूबर 2021 की इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए. वीडियो के आधार पर, परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उसकी हत्या की. 17 अक्टूबर को जोधपुर के तत्कालीन कमिश्नर जोश मोहन ने लीलाराम समेत पांचों आरोपियों को निलंबित किया. इसके बाद 26 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन डीसीपी ईस्ट भुवन भूषण ने निलंबन बहाली के आदेश जारी कर दिए थे. इस आदेश में यह कहा गया कि पुलिस ने अपने स्तर पर पूरी जांच की, जिसमें सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं पाए गए.













