भारतीय महिला टीम ने रविवार को मुंबई के डा. डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप खिताब अपने नाम कर लिया. जीत के लिए मिले 299 रनों का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लोरा वॉल्वार्ट (101) और टैजमिन (23) ने 9.1 ओवरों में पहले विकेट के लिए 51 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दी, लेकिन यहां से उसे जल्द ही दो झटके लगे और उसका स्कोर 2 विकेट पर 62 रन हो गया. ब्रिट्स को अमनजोत कौर ने शानदार थ्रो से रन आउट कर चलता किया, तो श्रीरणी ने एनेकी बॉश को खाता भी नहीं खोलने दिया. यहां से एक छोर कप्तान लोरा वॉल्वार्ट ने बिना किसी दबाव में आए भारतीय बॉलरों पर लगातार प्रहार करना जारी रखा. शफाली ने दो और फिर दीप्ति ने एक विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के 5 विकेट 148 पर गिर गए.
यहां से करोड़ों भारतीय फैंस की खिताबी जीत की उम्मीदें जवां हो गईं. लेकिन वॉलवार्ट ने एनेरी ड्रेक्सन (35) के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीका को मुकाबले में बनाए रखा. लेकिन एक बार दीप्ति शर्मा ने ड्रेक्सन को चलता किया, तो फिर यहां से दीप्ति ने बाकी बॉलरों के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीकियों को समेटने में ज्यादा समय नहीं लिया. बढ़ते रन औसत के दबाव में कप्तान वोल्वार्ट ने हथियार डाले, तो फिर बाकी बल्लेबाजों ने खुद-ब-खुद मानसिक रूप से हथियार डाल दिए. और पूरी दक्षिण अफ्रीकी टीम का 45.3 ओवरों में बोरिया-बिस्तर सिमट गया. इसमें दीप्ति शर्मा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाते हुए 5 विकेट लिए, तो शफाली ने दो और श्रीचरणी को एक विकेट मिला, जबकि उसकी तीन खिलाड़ी रन आउट हुईं. दीप्ति शर्मा को ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया
महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की अर्धशतकीय पारी की बदौलत 7 विकेट के नुकसान पर 298 रन बनाए हैं. दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया था. पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सलामी बल्लेबाजों स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने शानदार शुरुआत दी. दोनों ने पहले विकेट के लिए 17.4 ओवर में 104 रन की साझेदारी कर बड़े स्कोर की मजबूत नींव रखी.
शेफाली वर्मा की सराहना करते हुए कप्तान ने कहा, ‘जब लॉरा और सूने काफी अच्छी लय में बल्लेबाजी कर रहीं थीं. उसी दौरान मैंने शेफाली को मैदान में आत्मविश्वास के साथ खड़े देखा. मुझे यकीन हो गया आज का दिन हमारा है. मैंने अपने दिल की सुनी और मुझे लगा कि उसे एक ओवर देना चाहिए. वही हमारे लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई. उसको पूरा श्रेय जाता है. मैच के दौरान वह बेहद सकारात्मक रही और टीम के लिए हमेशा तैयार थी.
कौर ने आखिर में कहा, ‘यह तो बस शुरुआत है. हमारी अगली योजना इस जीत को आदत बनाने की है. हम काफी लंबे समय से इस पल का इंतजार कर रहे थे. वह पल आ गया है. आगे और भी बड़े मौके हमें मिलने वाले हैं. हम लगातार और ज्यादा बेहतर होना चाहते हैं. ये अंत नहीं, अभी तो शुरुआत है.’













