दुनिया में परमाणु हथियार के परीक्षणों की नई रेस के बीच चीन ने अपने मिसाइल साम्राज्य का विस्तार तेज कर दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों, नक्शों और सरकारी सूचनाओं से सामने आया है कि चीन ने 2020 के बाद से मिसाइल उत्पादन से जुड़ी सुविधाओं का बड़े पैमाने पर विस्तार किया हैं। एक अमरीकी न्यूज एजेंसी की पड़ताल के मुताबिक, 136 में से 60 प्रतिशत से अधिक मिसाइल निर्माण से जुड़े ठिकानों में विस्तार के संकेत हैं।
इन फैक्ट्रियों और अनुसंधान केंद्रों में 2020 से 2025 के बीच लगभग 2 करोड़ वर्गफूट से अधिक नई इमारतें बनाई गई हैं। बंकरों और टावरों के साथ कई जगहों पर मिसाइल के हिस्से भी सैटेलाइट से दिखाई दे रहे हैं। पैसिफिक फोरम के वरिष्ठ शोधकर्ता विलियम अलबर्के ने कहा, हथियारों की नई रेस में चीन दौडऩा शुरू कर चुका हैं। 99 मिसाइल निर्माण स्थलों की पहचान की गई है, जिनमें से 65 का दायरा तेजी से बढ़ा हैं।

भारत-अमरीका के लिए बढ़ी चिंता
चीन की रॉकेट फोर्स परमाणु और बलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को संभालती हैं। चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताएं भारत और अमरीका के लिए चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को भी अपनी परमाणु क्षमता के आकलन का काम दोबारा शुरू कर देना चाहिए। अमरीकी राष्ट्रीपति टं्रप पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि परमाणु टेस्ट शुरू किए जाएंगे।













