पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता का तीसरा दौर भी बेनतीजा रहा। दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को तीसरे दौर की बातचीत शुरू हुई थी। आज ये वार्ता बिना किसी समझौते के खत्म हो गई। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गैर-जिम्मेदाराना रुख अपनाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अब चौथे दौर की वार्ता की कोई योजना नहीं है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, पूरी तरह से गतिरोध है। वार्ता अनिश्चितकालीन दौर में पहुंच गई है। पाकिस्तान केवल एक औपचारिक, लिखित समझौते को ही स्वीकार करेगा, लेकिन वे मौखिक आश्वासन करना चाहते थे, जो अंतरराष्ट्रीय वार्ता में संभव नहीं है। हमारी एकमात्र मांग यह है कि अफगानिस्तान यह सुनिश्चित करे कि उसकी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए नहीं किया जाए।
आसिफ ने कहा, अगर अफगानिस्तानी धरती से कोई हमला होता है, तो हम उसका जवाब देंगे। जब तक कोई आक्रमण नहीं होगा, युद्धविराम बरकरार रहेगा। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने लिखा, ‘पाकिस्तान अफगान लोगों के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता। हालांकि, हम ऐसे किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेंगे, जो अफगान लोगों और पड़ोसी देशों के हितों के लिए हानिकारक हो। पाकिस्तान अपने लोगों और संप्रभुता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी विकल्पों का इस्तेमाल करता रहेगा।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, हमें लगा पाकिस्तान व्यावहारिक और लागू करने लायक शर्तें रखेगा, जिससे समस्या का हल निकाला जा सके।













