मुलताई थाना क्षेत्र के ग्राम ताईखेड़ा में ठेकेदारों ने जिंदा जमीन मालिक को दस्तावेजों में मृत बताकर उसी की पत्नी और बेटे से जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी। फर्जीवाड़ा कर जमीन हड़प ली थी। बेटे ने कागजों में मृत पिता को जिंदा करने हर जगह गुहार लगाई। किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री के सामने भी यह मामला उठा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे को आखिरकार न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और उसे न्याय भी मिला। न्याय मिलने पर बेटे ने पिता को न केवल राजस्व रिकॉर्ड में जिंदा कराया बल्कि फर्जी तरीके से हुई दोनों रजिस्ट्री को शून्य भी कराया।
न्यायालय ने जमीन की रजिस्ट्री को किया शून्य
ग्राम ताईखेड़ा निवासी विजय धाकड़ ने बताया कि पिता तिलकचंद धाकड़ की गांव के ही पास देव भिलाई में जमीन थी। जमीन को ठेके पर ग्राम ताईखेड़ा निवासी शिवरति नरवरे और भिलाई निवासी राजेन्द्र माकोड़े को दी थी। वर्ष 2019 में जमीन का ठेका समाप्त हुआ और खेत पहुंचे तो पता चला कि तिलकचंद को राजस्व रिकॉर्ड में मृत दर्शाया गया है और उनकी जमीन की रजिस्ट्री ठेकेदारों ने ही अपने नाम कर ली। तीन एकड़ की जमीन शिवरति ने वर्ष 2006 में 60 हजार रुपए में की। इसी तरह राजेन्द्र ने वर्ष 2010 में साढ़े चार एकड़ जमीन की रजिस्ट्री 6 लाख रुपए में करा ली। मामला मुलताई कोर्ट में पहुंचा। न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद दोनों रजिस्ट्री को शून्य कर दिया है। जमीन खरीददारों ने ही कोर्ट में माना कि तिलकचंद जिंदा है।विजय ने अपने पिता को जिंदा साबित करने हर जगह गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 12 फरवरी 2022 को विजय ने अपने पिता के साथ बैतूल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रदर्शन कर शिकायत सौंपी थी। सीएम के सामने प्रकरण सामने आने के बाद विजय की ही मां सावित्री और भाई राजू सहित दो पटवारी पूनम और हरिदास क्षीरसागर को धोखाधड़ी का आरोपी बना दिया गया था। विजय ने बताया कि जिसका चालान भी आज तक पेश नहीं किया गया है। मामले को लेकर बेटे ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर लोगों के साथ भी धरना दिया था।
सुनवाई नहीं होने पर बेटे ने कोर्ट में केस दिया। मुलताई न्यायालय में प्रकरण चले। विजय ने स्वयं पैरवी की। प्रकरण में विजय ने तर्कों और सबूतों के आधार पर सिद्ध कर दिया कि तिलकचंद जीवित हैं और वही जमीन के मालिक हैं। सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों रजिस्ट्री को शून्य घोषित करते हुए जमीन का कब्जा तिलकचंद धाकड़ को लौटाने के आदेश दिए हैं। विजय ने कहा कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित का उपस्थित होना जरूरी है, जिससे न्याय अवश्य मिलता है।













