राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रमुख पहल SPARC (Scheme for Promotion of Academic and Research Collaboration) के अंतर्गत एक प्रतिष्ठित संयुक्त शोध परियोजना प्राप्त होने पर औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई है। यह घोषणा 8 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) की तीसरी बैठक के दौरान की गई। इस परियोजना को माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान एवं ऑस्ट्रेलिया के माननीय शिक्षा मंत्री श्री जेसन क्लेयर द्वारा संयुक्त रूप से स्वीकृत किया गया, जो दोनों देशों के बीच शिक्षा एवं शोध सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस उच्च-स्तरीय बैठक में उभरते एवं महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्रों में ₹9.84 करोड़ की दस नई संयुक्त शोध परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।
NIT रायपुर को प्राप्त यह SPARC परियोजना उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र पर केंद्रित है, जिसमें सुपरकंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं क्वांटम कंप्यूटिंग शामिल हैं। इस शोध परियोजना का नेतृत्व डॉ. चंद्रशेखर जातोथ, सहायक प्राध्यापक, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, NIT रायपुर, द्वारा भारतीय प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर के रूप में किया जा रहा है, जबकि प्रोफेसर राजकुमार बय्या, द यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, इस परियोजना के विदेशी प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर हैं।
इस अवसर पर प्रो. डॉ. एन. वी. रमना राव, निदेशक, NIT रायपुर, ने डॉ. चंद्रशेखर जातोथ एवं उनकी शोध टीम को इस प्रतिष्ठित SPARC परियोजना के लिए हार्दिक बधाई दी तथा उनके भावी शैक्षणिक एवं शोध कार्यों के लिए शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
SPARC के इस चरण में चयनित भारतीय संस्थानों में NIT रायपुर के साथ IIT खड़गपुर, BITS पिलानी, NIT तिरुचिरापल्ली एवं NIT सुरथकल भी शामिल हैं। यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च-प्रभावी शोध में NIT रायपुर की भूमिका को सशक्त बनाती है और भविष्य की उभरती तकनीकों में भारत की क्षमताओं को विकसित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।













