सभापति राहुल टिकरिहा के नेतृत्व में हमालों ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

बेमेतरा। धान खरीदी केंद्रों में प्रति कट्टा ढुलाई की दर में कटौती से हमालों में खासी नाराजगी है। नाराज हम्मालों ने मजदूरी की पुरानी दर को यथावत रखने की मांग को लेकर सभापति जिला पंचायत राहुल टिकरिहा के नेतृत्व में कलेक्टर शिव अनंत तायल को ज्ञापन सौपा। मजदूर भाव सिंह, दीना बघेल ने कलेक्टर को बताया कि जिले के 113 खरीदी केंद्रों में करीब 5 हजार हम्माल कट्टा ढुलाई का काम करते हैं । बीते सत्र में धान के प्रति कट्टा की ढुलाई दर 2.50 रुपए थी, इस खरीदी सत्र में मजदूरी दर बढऩे की उम्मीद थी । लेकिन दर बढ़ाना तो दूर उल्टा प्रति कट्टा की ढुलाई में 65 पैसा कम कर दिया गया है। नतीजतन मजदूरो को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। जिम्मेदारों से बार-बार आग्रह के बावजूद मजदूरी दर को नही बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान मालिक कोसले, सुरेंद्र चतुर्वेदी, डोमार साहू, सागर दास दिवाकर, अयोध्या साहू, गज्जू साहू, दुजराम यादव, दुर्गेश साहू, भारत साहू, रवि चतुर्वेदी, रोहित बघेल, अशोक बघेल, सूरज महिलांगे, सनत साहू, भुवन साहू, टिकेश्वर साहू, रामकुमार साहू, भवरलाल साहू, रिखीराम साहू, पन्नालाल साहू, राजकुमार साहू,कमल साहू, अवध बघेल, मोहित बघेल, परमेश्वर पाल, बनवाली यादव समेत अन्य हम्माल मौजूद थे।
हमालों ने काम बंद कर, आंदोलन की दी चेतावनी
हम्माल रामाधार यादव, आशा बंजारे, रज्जु बघेल, विनोद रात्रे, नेमु साहू, प्रकाश बघेल, दिनेश बघेल, मनोज बघेल के अनुसार हम्मालों को कही से राहत नही मिल रही है। कलेक्टर को मजदूरी की पुरानी दर यथावत रखने ज्ञापन सौपा है। शीघ्र समस्या का निराकरण नही होने पर खरीदी केंद्रों में काम बंद कर आंदोलन की चेतावनी दी है। ऐसी स्थिति में धान खरीदी प्रभावित होगी।
मजदूरी भुगतान की जिम्मेदारी समितियों को, आदेश जारी
समितियों पर डाला जा रहा हमालों (मजदूरी) को भुगतान का भार- समितियों के लिए आर्थिक संकट होगी उत्पन्न।
गौरतलब हो कि बीते सत्रों में कट्टा धुलाई का भुगतान मिलर व परिवहनकर्ता की ओर से किया जाता था । जिसमे प्रति क्विंटल के लिए मजदूरो को 6.20 रुपए की दर से भुगतान किया जाता था । लेकिन इस खरीदी सत्र में मार्कफेड से जारी आदेश के अनुसार अब मजदूरी भुगतान समितियों के जरिए होगा। इसके लिए समितियों को शासन की ओर से 4.62 रुपए प्रति क्विंटल की दर से आबंटन जारी होगा। ऐसी स्थिति में मजदूरो में नाराजगी ब?ती जा रही है।
समितियों ने खड़े किए हाथ, पूर्व की व्यवस्था सुचारू रखने की मांग
समिति प्रमुखों के अनुसार इस तरह के आदेश से परेशानी बढ़ेगी। क्योकि मिलर व परिवहनकर्ता की ओर से मजदूरी भुगतान तुरंत किया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में शासन से आबंटन मिलने के बाद ही मजदूरी भुगतान सम्भव हो पाएगा। भुगतान में विलंब की स्थिति में मजदूरो के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। इसलिए पूर्व की व्यवस्था को सुचारू रखने समिति संघ ने शासन को पत्र लिखा है। जिसमे संघ ने शासन को अपनी व्यवहारिक परेशानियों से अवगत कराते हुए मजदूरी भुगतान मिलर व परिवहनकर्ता से कराए जाने का आग्रह किया है।
मजदूरी दर कटौती से प्रदेश के हम्मालों को 14 करोड़ रुपए का होगा नुकसान
इस वर्ष प्रदेश में 90 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी ढुलाई के लिए पुरानी दर में मजदूरो को 55 करोड़ 80 लाख का भुगतान करना पड़ेगा। लेकिन मार्कफेड के नए आदेश से मजदूरो को सीधे 14 करोड़ से अधिक मजदूरी का नुकसान होगा । जो गरीब मजदूरो के लिए बड़ा नुकसान है । इस तरह के आदेश पर सवाल खड़े हो रहे कि मजदूरो के हक को मारकर प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
अव्यवस्था दूरे करें वरना चक्काजाम-राहुल टिकरिहा
राहुल योजराज टिकरिहा ने कहा कि दुर्भाग्य आज जिले के अधिकांश खरीदी केंद्रों में बारदाने पूर्णत: समाप्त हो चुके है। 100 प्रतिशत बारदाने किसानों से मंगाए जा रहे जिसे किसान बाहर मार्केट में 28-30 रुपये में खरीद रहे आखिर बाजार में बारदाने कहाँ से आ रहे है? शासन भी बारदाने भुगतान की दर में बढ़ोतरी करे। वहीं हमालों की मजदूरी में कटौती की जा रही। धान खरीदी के दो पहिए किसान व हमाल दोनों ही नाराज व परेशान चल रहे जल्द अव्यवस्था दूर हो नहीं तो किसानों व हमालों के साथ जगह जगह चक्काजाम हेतु मजबूर होंगे।












