कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर फैल रही अफवाहों पर लगाम लगाने और अधिक से अधिक लोगों को बूथ तक बुलाने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। अब बूथ पर वैक्सीन लगवाने वाले लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीनेशन कार्ड दिया जाएगा। इसमें लिखा नंबर अगर लकी ड्रा में खुलता है तो लाभार्थी को भविष्य में इनाम दिया जाएगा। इस प्रक्रिया का उददेश्य अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन में पार्टिसिपेट करें। इस कार्ड को प्रयोग करने की विधि एकदम सिंपल होगी। पहली बार जब लाभार्थी कोरोना वैक्सीन लगवाने जाएगा तो उसे यह कार्ड दिया जाएगा। इसके निचले पार्ट पर वह अपनी डिटेल भर देगा। 28 दिन बाद जब लाभार्थी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने जाएगा तो कार्ड का नीचे का पार्ट जमा करा लिया जाएगा। ऊपर वाला पार्ट उसे वापस कर दिया जाएगा। दोनों पार्ट में नंबर अंकित रहेगा। फ्यूचर में जब लकी ड्रा खोला जाएगा तो अगर यह नंबर ओपेन होगा तो लाभार्थी को इनाम दिया जाएगा। यह इनाम टीका लगवाने वाले लाभार्थी को कार्ड का ऊपरी हिस्सा दिखाने पर मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि यह कार्ड तैयार हो चुका है और जल्द ही शासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिया जाएगा। जिससे इसे कोरोना वैक्सीनेशन के लिए फर्स्ट फेज में लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जा सके। इस कार्ड का इस्तेमाल सरकार डेटा कलेक्शन के लिए करेगी। सोर्सेज के मुताबिक यह कार्ड डाटेड होगा और इसके दोनों हिस्सों में लकी ड्रा नंबर अंकित होगा। इतना ही नही, सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन में बचे हुए लोगों के लिए भी दिन मुकर्रर कर दिया है। सरकार मानकर चल रही है कि वैक्सीनेशन में दस फीसदी लोग नही पहुंचेंगे। संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। ऐसे में वैक्सीनेशन सोमवार, शुक्रवार और सोमवार को होगा। लेकिन इसके बाद अगला शुक्रवार पुन: पॉपअप डे होगा। इस दिन बचे हुए लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। जो लोग मौके पर नहीं पहुंच पाएंगे, या वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उनकी नाम से एलॉट वैक्सीन दूसरे के नाम से एलॉट कर दी जाएगी। चूुकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऐच्छिक है इसलिए किसी पर भी वैक्सीनेशन के लिए जोर जबरदस्ती नही की जाएगी। प्रयागराज में फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। डॉ. राहुल सिंह, एसीएमओ व नोडल कोरोना वैक्सीनेशन प्रयागराज का कहना है कि शासन से ऐसी स्कीम आई है। जल्द ही कार्ड भी उपलब्ध हो जाएंगे। इससे अधिक से अधिक लोग वैक्सीनेशन के लिए आएंगे और सरकार को डाटा कलेक्शन में भी आसानी होगी।