What's Hot
Monday, December 8

चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में व्यक्ति कुछ बातों का यदि ध्यान रखता है तो उसके संबंध दूसरों के साथ मधुर बनें रहते हैं. आइए जानते हैं आज का चाणक्य नीति. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति सभी के हृदय में रहता है, वह व्यक्ति जीवन में अपार सफलता प्राप्त करता है. ऐसे व्यक्ति के पास लक्ष्मी जी का आर्शीवाद सदैव बना रहता है. ज्ञान की देवी सरस्वती भी ऐसे लोगों पर अपनी कृपा बनाएं रखती हैं. इसीलिए हर व्यक्ति के मन में सभी का प्रिय होने की कामना बनी रहती है. चाणक्य के अनुसार यह कार्य आसान नहीं है. सभी का प्रिय होने के लिए व्यक्ति में कुछ अच्छी आदतों का होना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि छल कपाट से अर्जित किए गए प्रेम की परत एक न एक दिन खुल ही जाती है. जब सामने वाले को सच्चाई का पता चलता है तो अपयश का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए लोगो के दिलों में यदि जगह बनानी है तो छल कपट और झूठ से दूर रहें और चाणक्य की इन बातों को हमेशा याद रखें.
सामने वाले व्यक्ति को कभी कमजोर न समझें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अहंकार में कभी कभी स्वयं को इतना विशाल और सक्षम समझने लगता है कि वह समाने वाले व्यक्ति को कभी कभी कमतर आंकने की भूल कर जाता है. यही भूल आगे चलकर भारी भी पड़ जाती है. जो व्यक्ति अहंकार से दूर रहकर सभी का आदर सम्मान करता है, वह सभी का प्रिय होता है. बुरा वक्त आने पर ऐसे व्यक्ति के साथ सहयोग करने वालों की भारी भीड़ जमा रहती है.
विनम्रता को अपनाएं
चाणक्य नीति कहती है कि यदि लोगों के हृदय में स्थान बनाना है तो विनम्रता और मधुर वाणी को अपनाएं. विनम्रता सभी को आकर्षित करती है. विनम्र व्यक्ति ज्ञान और शक्ति से पूर्ण होता है. जब ऐसे व्यक्ति मानव कल्याण के बारे में जब चिंतन करते हैं तो समाज ऐसे व्यक्ति को आदर सम्मान प्रदान करता है.
किसी को धोखा न दें
चाणक्य के अनुसार दूसरों को धोखा देने वाला व्यक्ति लोगों की नजर में यश की प्राप्ति नहीं करता है. धोखा देने वाले से लोग दूरी बनाकर चलते हैं. लोग जब एक बार इनके स्वभाव को जान जाते हैं तो इनसे दूर रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं.

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031