Thursday, December 11

तिल्दा नेवरा। कथा व्यास कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। … भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। समुद्र मंथन के दौरान सबसे पहले अलाहल अर्थात विष निकला इस जहर से प्रभाव से सृष्टि नष्ट हो जाए इसलिए भगवान ने इसे मुंह में भर लिया इस बीच को गले में ही रखा इस कारण उनका गला नीला हो गया और शिव जी का नाम नीलकंठ पड़ गया नया शोध के अनुसार 10 जनवरी 51 14 ईशा पूर्व प्रभु श्री राम का जन्म हुआ भगवान श्री कृष्ण का जन्म भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में जन्म लिया कथा को सरवन करते सरपंच बेदिन बाई रामकुमार साहु सिन्हा परिवार चैन कुमार टापलाल जयसवाल प्रेम नारायण बिट्टू बबलू ताराचंद हीरालाल सुखराम ग्राम ग्रामीण नदु नारायण शीतल रामदयाल गुलाब।

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