रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव तथा कोरोना संकट के दौर में आर्थिक गतिविधियों के संचालन के संबंध में आज राजधानी रायपुर के विभिन्न मीडिया संस्थानों के सम्पादकों के साथ वर्चुअल बैठक में विचार-विमर्श किया और उनके सुझाव मांगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण में आई हुई तेजी चिंताजनक है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम और मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक उपाय और प्रबंध दिए जा रहे हैं। सामाजिक संगठनों का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। श्री बघेल ने मीडिया से कोरोना संक्रमण से बचाव और कोरोना टीकाकरण अभियान के संबंध में जनजागरूकता हेतु सहयोगी की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपदा का समय है, इसलिए निजी अस्पतालों को मरीजों के इलाज में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार रूचिर गर्ग, जनसम्पर्क सचिव डी.डी. सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और मरीजों के इलाज के लिए बेहतर से बेहतर प्रबंध किए गए हैं। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि मरीजों को राहत मिले। वेन्टीलेटर और ऑक्सीजन बेड की कमी नहीं है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फंड की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 की टेस्टिंग और इलाज के लिए दरें तय करने की पहल की जाएगी। इसी तरह रेमडेसिवियर इंजेक्शन की दरें भी तय किए जाएंगे। शासकीय और निजी अस्पतालों में रेमडेसिवियर की 4500 डोज उपलब्ध है, राज्य सरकार का प्रयास है कि जरूरतमंदों को इस दवाई की डोज मिल सके। कोरोना जांच, इलाज तथा कोरोना टीकाकरण की सुविधा बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जी से वैक्सीनेशन की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित करने का उन्होंने अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए शिक्षा मंत्री को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में सम्पादकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्वारेंटिन सेंटर प्रारंभ करने के सुझाव पर विचार करने का आश्वासन दिया। राज्य सरकार का यह भी प्रयास होगा कि टेस्ट की रिपोर्ट लोगों को जल्द मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि एयरपोर्ट और रेल्वे स्टेशनों में बाहर से आने वाले लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट प्रारंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के भिलाई के ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई की पहली प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के लिए होगी। अन्य सेवाओं में कार्यरत डॉक्टरों की सेवाएं भी कोविड-19 के इलाज और प्रबंधन में ली जाएंगी। प्रदेश में ऑक्सीजन बेड की संख्या तेजी से बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नर्सिंग के पास आउट विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएं भी ली जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सोलह माह से हम सभी के सहयोग से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। लोगों को मास्क का प्रयोग करने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों की साफ-सफाई और सेनेटाइजर का उपयोग करने जैसे कोविड-19 अनुरूप व्यवहार को अपनाने के लिए सबके सहयोग से जनजागरण करने की जरूरत है। राज्य सरकार की इस दिशा तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गरीबों के भोजन, राशन की व्यवस्था सामाजिक संगठनों और प्रशासन के सहयोग से की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमण की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में पॉजिटीविटी दर माह मार्च 2021 में एक प्रतिशत की जो 7 अप्रैल को बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई है। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुन्द और बेमेतरा प्रदेश के सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी दर वाले जिले हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश के कुछ गिने-चुने राज्यों में से है जहां प्रति दस लाख में सबसे ज्यादा लोगों की टेस्टिंग हो रही है। वर्तमान में टेस्टिंग का दैनिक औसत 39 हजार 4 है। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 1435 टेस्ट किए जा रहे हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन 10 लाख आबादी पर 929 टेस्ट किए जा रहे हैं। माह अक्टूबर 2020 में आरटीपीसीआर जांच का प्रतिशत 26 प्रतिशत था, जो अप्रैल 2021 में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है। कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए राज्य शासन द्वारा 36 विशेषीकृत कोविड अस्पतालों और 66 कोविड केयर सेंटर्स की स्थापना की गई है। प्रदेश के 78 निजी अस्पतालों में भी इलाज की अनुमति दी गई है। जिनमें कुल 16 हजार 207 बिस्तरों की व्यवस्था है, जिनमें 3446 ऑक्सीजन सुविधा वाले, 902 एचडीयू और 1167 आईसीयू बिस्तर शामिल है। मुख्यमंत्री ने कोविड टीकाकरण कार्य की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 8 अप्रैल 2021 तक राज्य में कुल 37 लाख 27 हजार 552 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। 87 प्रतिशत हेल्थवर्कर, 84 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 43 प्रतिशत हितग्राहियों को टीकाकरण की प्रथम डोज दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 207 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं। जहां घर-घर जाकर एक्टीव सर्विलेंस और टेस्टिंग की जा रही है।
राजधानी रायपुर के विभिन्न मीडिया संस्थानों के सम्पादकों के साथ वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने की सहयोग की अपील
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