भिलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र भी वर्तमान में कोराना का बड़ा हॉट स्पॉट बना हुआ है। कोरोना के इस दूसरी लहर में भी कई कई बउे अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक निपट गये है। इसके कारण यहां के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। पिछले साल जैसे रोस्टर सिस्टम लागू कर काम लिये जाने की मांग बीएसपी के कर्मचारी कर रहे है, लेकिन बीएसपी के कान में जू तक नही रेंग रहा है और बीएसपी प्रबंधन के लोग उत्पादन के चक्कर में कोरोना रूपी भट्टी में झोंक रहे हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए छतीसगढ़ चेम्बर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश महामंत्री अजय भसीन. प्रदेश उपाध्यक्ष भिलाई महेश बंसल,प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्ग प्रकाश सांखला, प्रदेश मंत्री मनोज बक्त्यानी ने जिला कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर भूरे को पत्र लिखकर रोस्टर सिस्टम लागू करते हुए अतिआवश्यकतानुसार दस से 15 प्रतिशत वर्करों की डयूटी लगाकर उत्पादन का कार्य कराये जाने की मांग की है। इन्होंने कहा है कि भिलाई सम्पूर्ण व्यापार को लाक डाउन किया गया है , वहीँ भिलाई स्टील प्लांट को कोरोना महामारी के प्रसार को कम करने के लिए व्यापक राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए, डीएम दुर्ग को बीएसपी प्रबंधन को बीएसपी के सभी उपकरणों को बंद करने का आदेश देना चाहिए या सभी 4 शिफ्टों में अधिकतम 10 से 15 प्रतिशत श्रमशक्ति के साथ काम करना चाहिए। तत्काल प्रभाव से कम से कम 30 दिन इससे बीएसपी कर्मचारी द्वारा किए जाने वाले संक्रमण की श्रृंखला को तुरंत तोड़ा जा सकेगा। भसीन ने इस्पात सचिव के पत्र और एस्मा अधिनियम के सीएल नंबर 2 (1) के संबंध में, हालांकि इस्पात उद्योग एस्मा के तहत आ रहा है, फिर भी बड़े राष्ट्रीय हित के लाभ के लिए समान कोयला, इस्पात, बिजली और उर्वरक एस्मा के तहत नहीं आएंगे । शुरुआत में अधिनियम की परिभाषा में इसका उल्लेख असेंबली द कॉन्टेक्ट ओरेविज आवश्यकताएँ के रूप में किया गया है। अब देश के लिए आवश्यक समय यानी मानव जाति की जान को बचाना है, जो सबसे बड़ा नियंत्रण है जो अन्य लोगों के लिए उपयुक्त है।
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