उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बर्फबारी के कारण ग्लेशियर टूट गया है। इसके बाद पूरे इलाके में अलर्ट कर दिया गया है। वहीं अच्छी खबर यह है कि भारत चीन सीमा से जुड़े इस इलाके में सेना ने अब तक 291 लोगों को बचा लिया है। इनमें अधिकांश बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के कर्मचारी हैं। ये सभी चीन से सटी सुमना सीमा पर सड़क का निर्माण कर रहे थे। पहले खबर थी कि बीआरओ का एक कैम्प चपेट में आया है। सेना ने तत्काल वहां फंसे लोगों को बचा लिया। इसके बाद देर रात सूचना मिली की एक और कैम्प बर्फीले तूफान की चपेट में आया है। अच्छी खबर यह है कि सभी लोगों को सेना ने बचा लिया है। इस बीच जोशीमठ से बहने वाली ऋषिगंगा नदी में खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने दो दिन में मौसम साफ होने की बात कही है, जिसके बाद ही नुकसान का सही आंकलन हो सकेगा। सड़क से बर्फ हटाने का काम चल रहा है। इस नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते निचले स्थानों पर खतरा बना हुआ है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने ग्लोशियर टूटने की पुष्टि कर दी है। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री भी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री टीएस रावत ने अलर्ट जारी करने के आदेश दिए हैं। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया, सड़क निर्माण का काम चल रहा था, लेकिन हादसे में काम कर रहे मजदूरों को नुकसान नहीं पहुंचा है। ग्लेशियर टूटने का कारण भारी बर्फबारी को माना जा रहा है। हादसे की वजह से जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढंक गया है। इससे पहले उत्तराखंड में 7 फरवरी 2021 को चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा था। हादसे के बाद 50 से ज्यादा लोगों की लाश मिली थी, जबकि 150 से ऊपर लोग ऐसे थे, जिनका हादसे के बाद कोई पता नहीं चल पाया।
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