रायपुर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ में तबादलों पर लगायें गये प्रतिबन्ध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि राज्य में लगभग दो वर्षों से कोरोना के परिपेक्ष्य में मितव्ययिता बरतने के उद्देश्य को लेकर स्थानांतरण से बैन नही हटाये जाने के कारण प्रदेश में तबादला चाहने वाले कर्मचारी-अधिकारी गण निराश हैं और इनमें रिक्त पदों पर स्वयं के व्यय पर और 1-2 वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले तबादला चाहने वाले लोग सबसे ज्यादा परेशान है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्यूट कर मितव्ययिता को लेकर स्थानांतरण पर लगे प्रतिबन्ध का स्वागत करते हुये स्वयं के व्यय पर और सेवानिवृत्ति के कगार पर अपने गृह नगर या आस पास रिक्त पदों पर तबादला चाहने वालों के लिये प्रतिबन्ध को तुरन्त हटाये जाने की मांग की है,क्योंकि इसमें कोई भी स्थापना व्यय का भार सरकार पर नहीं पड़ेगा और मितव्ययता निर्णय यथावत कायम रहेगा।

जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कहा है कि यह सच है कि मितव्ययता को लेकर व्यूरोक्रेट के सलाह पर राज्य सरकार ने तबादले पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, परन्तु जब से भूपेश सरकार पदारूढ़ हुई है तब से मुख्यमंत्री के समन्वय के नाम पर लगातार सरकारी खर्चे पर हमेशा स्थानान्तरण हुये है और हो रहे हैं और मितव्ययिता एक जुमला बनकर रह गया है। डॉ रमन सिंह सरकार में भी यही होता रहा है। जारी विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व में जारी सभी स्थानांतरण नीति में सेवानिवृत्ति के निकट आयु के लोगो को उनके गृह निवास के पास और स्वेछा से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण चाहने वालो के लिये सहानुभूति पूर्वक विचार कर रिक्त पदों के विरुद्ध तबादला करने का प्रावधान किया जाता रहा है। इसलिए वे सभी अपने लिये तबादले पर बैन से छूट चाहते है। जारी विज्ञप्ति में स्थानांतरण पर बैन जारी रहने से आपदा पर अवसर ढूंढने वाले दलालों की धंधा चौपट होने पर खुशी जाहिर करते हुये मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताते हुये स्वेच्छा से और सेवानिवृत्ति के निकट आयु वर्ग के लोगो राहत प्रदान करने की जरूरत को ध्यान में रखकर इसी भावना के अनुरूप केबिनेट में निर्णय लेकर तुरन्त स्थानान्तरण नीति जारी कर स्वयं के व्यय पर तबादला चाहने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों को राहत प्रदान करने की मांग की है।