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वन विभाग से चर्चा कर संग्राहकों को दिलाएगी जाएगी राहत : सुश्री उइके


रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के संचालक यज्ञदत्त शर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चलाई जा रही बीमा योजना बंद होने, प्रोत्साहन बोनस वितरित नहीं होने और प्राथमिक समितियों को लाभांश नहीं दिये जाने की जानकारी दी। इस पर राज्यपाल ने कहा कि बीमा योजना तेंदूपत्ता संग्राहकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योजना है। इससे उन्हें दुर्घटना या मृत्यु होने पर सुरक्षा मिलती है और परिवार को भी सहायता मिलती है। तेंदूपत्ता संग्राहकों में मूलत: जनजाति समाज के लोग भी जुड़े हुए हैं। इस योजना से जनजाति समाज प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। मैं इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बात करूंगी और आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित करूंगी, ताकि तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत मिल सके। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में लगभग लगभग 13 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक तथा 10 हजार फड़ मुंशी है। उन्हें कोई बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। 900 प्रबंधकों का बीमा नवीनीकरण नहीं कराये जाने के कारण 17 मार्च 2019 से बंद है। नई योजना कब लागू की जाएगी, यह स्पष्ट नहीं है। इसी तरह संग्राहक परिवारों के 18 लाख 38 हजार सदस्यों के लिए समूह बीमा योजना नवीनीकरण नहीं कराये जाने के कारण बंद है। प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां के फड़ मुंशियों का भी समूह बीमा नवीनीकरण नहीं होने के कारण बंद है। साथ ही विगत 2 सत्रों की छात्रवृत्ति योजना की राशि भी अभी तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस वर्ष 2018 का लगभग 221 करोड़ रूपए बताया जा रहा है, जबकि 31 मार्च 2019 की स्थिति में 597 करोड़ का भुगतान किया जाना शेष बताया गया था। सीजन 2019 की गणना नहीं की गई है। प्राथमिक समितियों को लाभांश 31 मार्च 2019 की स्थिति में उक्त राशि 432 करोड़ रूपए है। सभी मदों में लगभग 100 करोड़ राशि ब्याज से प्राप्त होती है, जिससे संग्राहकों के लिए बीमा योजना संचालन किया जा सकता है। राज्यपाल से श्री शर्मा ने शासन को निर्देशित करते हुए तेंदूपत्ता संग्राहकों को राहत दिलाने का आग्रह किया है।

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NEWSDESK

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