रायपुर। वर्तमान में हर आदमी कोरोना महामारी से भयभीत है, लेकिन यह समय सावधानी बरतने और आत्मविश्वास को बनाए रखने का है। यदि परिवार में किसी को बीमरी ने जकड़ लिया है तो डिप्रेशन में न आएं, हौसला रखें और दूसरों को भी हौसला दें। यह संदेश राजधानी के मां कामाख्या संस्थान के संकर्षण महाराज ने अपने शिष्यों और देशवासियों को दिया। अपने भक्तों के वाट्सअप गु्रप में महाराज ने कहा कि मनुष्य विषाद की स्थिति से गुजर रहा है। डिप्रेस्ड व्यक्ति विषय से हटकर और पता नहीं क्या-क्या बोल दे। भगवान श्री कृष्ण ने इसे पाया अर्जुन के अंदर क्योंकि जो सोच सकता है, विचार कर सकता है उसी के अंदर मनुष्य के लक्षण विद्यमान होते है वही समझदार, ज्ञानी भी हो सकता है और वही डिप्रेशन अथवा विषाद में भी पहुंच सकता है। पशुओं में ये लक्षण नहीं पाये जाते है। उन्हें जो करना होता है वह कर के फुर्सत हो लेते हैं। भगवान ने मनुष्यता का लक्षण अर्जुन के अंदर देखा और उसे मुस्करा कर छेड़ दिया जिसके कारण भगवान ने हमें डिप्रेशन से बचने के लिए भगवत गीता नामक औषधि प्रदान की। आज का समाज कमोबेश इस बीमारी से ग्रसित होता जा रहा है। हर व्यक्ति भयभीत है। असुरक्षित महसूस कर रहा है। पता नहीं कब क्या हो की स्थिति बनी हुई है। बस एक-एक पल कटा जा रहा है और यही विषाद है, यही डिप्रेशन है। इस डिप्रेशन से बचना हो तो गीता को आत्मसात करना होगा। प्रत्येक बच्चे को समझाना होगा कि जीवन फूलों की सेज नहीं है, जिदंगी सीधी रेल की पटरियों पर नहीं चलती। बच्चों ध्यान, और ज्ञान रूपी गीता से योग कराना ही होगा, क्योंकि बहुत हो चुका बाहर का विकास, अंतस का विकास ही डिप्रेशन से बचाएगा।
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.