एक ऐसा एकतरफा प्यार का मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहींं है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नर्सों को निर्देश देते हुए कहा था कि मरीजों के साथ ऐसा व्यवहार करें कि वे अपनी बीमारी भूल जाएं, लेकिन सवाल उनका है जो बीमारी ठीक होने के बाद भी अस्पताल का चक्कर काट रहें है। यूपी के कानपुर के जिले में मामला जिले के हैलट अस्पताल का है, जहां इलाज कराने आया युवक मरीज को जूनियर डॉक्टर से ही प्यार हो गया। डॉक्टर को देखने के लिए युवक हर दूसरे दिन बीमार पड़ जाता। जूनियर डॉक्टर जहां भी ड्यूटी करती, उसको देखने के लिए आशिक मिजाज मरीज वहां पहुंच जाता। 15 दिन तक जब यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो डॉक्टर को भी शक हो गया। उसने इसकी शिकायत सीनियर डॉक्टर से की। जिसके बाद उसको हैलट के सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर डाली। फिर उसे पुलिस को सौंप दिया। पकड़े जाने के बाद युवक ने सफाई दी कि हम तो दवा लेने गए थे अब दोबारा नहीं जाएंगे. जानकारी के मुताबिक, कानपुर के जाजमऊ का रहने वाला तौहीद पंद्रह दिन पहले बीमार पड़ा था तो वह हैलट की ओपीडी में पर्चा बनवा कर इलाज के लिए पहुंचा. उस दौरान ओपीडी में मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर मरीजों को देख रही थी। जूनियर डॉक्टर ने इसका भी ट्रीटमेंट किया। इलाज करने के बाद जूनियर डॉक्टर ने उसके लिए दवा लिख दी। इस दवा से तौहीद तो ठीक हो गया लेकिन जूनियर डॉक्टर से इश्क हो गया। फिर हर दूसरे दूसरे दिन वह इलाज के बहाने अस्पताल आने लगा। कई बार तो उसने अलग-अलग नामों से ओपीडी का पर्चा बनवाया। फिर जब ओपीडी में जूनियर डॉक्टर की ड्यूटी नहीं लगी तो वह बाकी डॉक्टरों से उसके बारे में पूछने लगा।
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