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मदरसे की जमीन से प्रकट हुए महादेव ! मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात

बिहार के लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र में मदरसे की जमीन पर शिवलिंग के होने से मामला गर्मा गया। खुद डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस-प्रशासन और बुद्धिजीवियों के हस्तक्षेप के बाद लोगों ने शिवलिंग को किऊल नदी में प्रवाहित कर दिया है। गांव में तनाव की आशंका के मद्देनजर पर्याप्त पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है।

जुट गई भारी भीड़ – जानकारी के मुताबिक सूर्यपुरा पुरानी बाजार वार्ड संख्या 16 के एक गैरमजरूआ जमीन पर पेड़ कटाई का कार्य चल रहा था। कटाई के क्रम में पेड़ के बगल में थोड़ी ही गहराई पर शिवलिंग प्रकट होने की अफवाह जिले भर में फैल गई। जैसे-जैसे लोगों को इसकी जानकारी होती गई, लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। जांच में पाया गया कि माहौल बिगाड़ने को लेकर नया शिवलिंग उक्त स्थान पर रखने का कार्य किया गया। उक्त स्थान से कुछ ही दूरी पर किऊल नदी प्रवाहित होती है, जहां शांति समिति के सदस्यों के निर्णय के बाद उक्त शिवलिंग को विसर्जित कर दिया गया।

डीएम अमरेंद्र कुमार और एसपी पंकज कुमार के अलावा एसडीपीओ संजय कुमार, एएसपी रौशन कुमार, सीओ सुमित कुमार आनंद, अंचल पुलिस इंसपेक्टर विजय शंकर, थानाध्यक्ष राजीव कुमार के अलावा मेदनीचैकी, लखीसराय और अन्य स्थानों के थाना प्रभारी की भी यहां मौजूदगी दिखी। इसके अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवियों ने भी तत्परता दिखाते हुए लोगों को समझाने-बुझाने के साथ-साथ माहौल को शांत रखने में अपनी सहभागिता निभाई।

शांति समिति के सदस्यों ने की पहल -गांव के मो आलम के द्वारा जमीन पर मौजूद पेड़ों की कटाई के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया था। पेड़ की कटाई चल रही थी और एक पेड़ कट भी गया। दूसरा पेड़ काटने गए तो इसी दौरान जमीन के कुछ अंदर शिव लिंग व छोटा पुराना बसहा की मूर्ति मिली। अधिकारियों और शांति समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की दृष्टि से सीमेंट की बनी शिवलिंग को रख दिया था। एक-दो लोगों ने शिवलिंग मे फूल माला भी डाल दी। डीएम ने कहा कि गैरमजरूआ जमीन की मापी का कार्य होली के बाद होगा। ग्रामीणों के अनुसार यह जमीन लखीसराय में रहने वाले हाजी मार्केट के पूर्वज के अधिकार में है, लेकिन केवाला कागज किसी के पास नहीं है।

डीएम अमरेंद्र कुमार ने कहा कि एहतियातन फोर्स की तैनाती मजिस्ट्रेट के साथ कर दी गई है। दोनों पक्षों के लोगों से बात चल रही है। शांति बहाली करना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। पूरे प्रकरण पर जिला प्रशासन नजर रख रहा है।

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