धमतरी। एक ओर जहां आज हम आधुनिक तकनीकी एवं अंतरिक्ष युग की बातें कर हैं जिससे पूर्व समय और वर्तमान समय में ज़मीन और आसमान का अंतर आया है। जिस तेज़ी से विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी ने तरक़्क़ी की है इसके बावजूद कुछ ऐसे दकियानूसी मनुष्यों का दिल और दिमाग़ अभी भी पुरानी विचारधाराओं एवं समस्याओं से ग्रसित है। वर्तमान परिवेश की बात करे तो बेटा हो या बेटी इसमें कोई फर्क नहीं रहा है। मगर विदिशा के इन दकियानूसी परिवार ने बेटे की चाह में निरंतर प्रताड़ित कर मराठा समाज की इस बेटी को बलि की वेदी पर चढ़ा दी। ये ह्दय विदारक घटना धमतरी मराठा पारा निवासी भीषम राव बाबर एवं हर्षा बाबर की बड़ी पुत्री सुनयना के साथ हुई थी। सुनयना का विवाह 2014 में विदिशा निवासी शलभ जाधव पिता दीपक राव जाधव के साथ हुआ था। हर मां बाप का सपना होता है कि उसकी संतान चाहे वह पुत्र हो या पुत्री अपना जीवन सुखी एवं मंगलमय ढंग से जिये और ऐसा हो भी रहा था लेकिन समय को कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन माता पिता के पास पुत्री के ससुराल से फ़ोन आता हैं कि कुछ आकस्मिक घटना हुई है आप घर से जल्दी विदिशा पहुंचिये। डरे सहमे माता-पिता आनन फ़ानन में तैयारी कर विदिशा की ओर रवाना होते है..तो वहां पहुंचने पर उनके पति एवं उनकी सास के द्वारा यह जानकारी दी जाती है कि सुनयना की तबियत ख़राब है और वह अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती है। मगर दूसरे दिन सुबह 10 बजे उनकी बिटिया की लाश पॉलीथीन में लिपटी हुई लायी जाती है।
बेबस माता पिता की समझ में कुछ नहीं आता है आखिर ये माजरा क्या है। वही ससुराल वालों के द्वारा आनन फ़ानन में सुनयना का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। शोक में डूबे माता पिता की मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने ज़्यादा पूछ परख करना मुनासिब नहीं समझा, लेकिन धीरे धीरे यह जानकारी सामने आयी कि उनकी बेटी सुनयना की हत्या की गई है। पति व सास ने डंडे व राड से मारकर उसके गले में फंदा डालकर लटका दिया और उसे आत्महत्या का रूप दे दिया। सुनयना के माता-पिता के द्वारा इस मसले पर परिवार से सलाह मशविरा करना मुनासिब समझ मृतका की चाची कविता बाबर जो जिला पंचायत सभापति व छ ग़ मराठा समाज महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भी है, उन्हें सारी बातों से यथास्थिति बताने के बाद समस्त परिवार के सदस्य विदिशा जाकर पुलिस थाने में उनके पति सलभ जाधव एवं सास ज्योति जाधव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गई और अपना बयान भी दिया गया कि उनकी बेटी को दहेज के नाम पर अक्सर प्रताड़ित किया जाता था। साथ ही उससे मारपीट की जाती थी। इसके अलावा पुत्र ना होने की वजह से भी उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था।