Monday, December 8

आजकल छोटी उम्र में ही बच्चों को मोबाइल से लगाव हो जा रहा है. इसकी वजह पैरेंट्स का प्यार-दुलार है. दरअसल, जब बच्चे छोटी उम्र में होते हैं, तब उन्हें बहलाने के लिए माता-पिता फोन पकड़ा देते हैं, जो सही नहीं है. कॉमन सेंस मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल की उम्र में आज 42 परसेंट बच्चों के पास स्मार्टफोन है. 12 साल की उम्र तक यह 71 परसेंट तक पहुंच जाता है और 14 की उम्र तक 91 प्रतिशत बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन होता है. अगर आप अपने बच्चे की बहुत केयर करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि उसे स्मार्टफोन यानी मोबाइल फोन देने की सही उम्र क्या है.
बच्चे के लिए स्मार्टफोन कब जरूरी
कई पैरेंट्स बच्चों की सेफ्टी के लिए उन्हें मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं. उनका मानना है कि जब बच्चा मुश्किल में होगा तो वह कॉन्टैक्ट कर सकता है. जॉब करने वाले पैरेंट्स अक्सर ऐसा करते हैं. क्योंकि उनका बच्चा स्कूल के बाद घर पर कुछ देर अकेला रहता है. कुछ पैरेंट्स तो बच्चों को उलझाने के लिए भी फोन पकड़ा देते हैं. जो बिल्कुल भी सही नहीं है.
बच्चों को मोबाइल फोन क्यों नहीं देना चाहिए
आजकल इंटरनेट की वजह से बच्चे फोन पर कुछ भी एक्सेस कर सकते हैं. जो उनकी उम्र के हिसाब से खतरनाक भी हो सकता है. मर्डर, हिंसा, पॉर्न, एक्सीडेंट और अनगिनत ऐसे वीडियो बच्चों को दिमाग पर निगेटिव असर डाल सकती हैं. बच्चों का मन नासमझ होता है, इसलिए शुरुआत में उन्हें कुछ भी नया देखने को मिल जाता है तो उसमें उनका इंट्रेस्ट बढ़ सकता है. इसलिए इस तरह के खतरों से दूर रखने के लिए बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखना चाहिए. मोबाइल की वजह से नींद की समस्या भी हो सकती है. बच्चे साइबर क्राइम, बुलीइंग और ब्लैकमेलिंग के जाल में भी फंस सकते हैं.
बच्चों को कब देना चाहिए स्मार्टफोन
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर बच्चा आपकी बताई बात को समझ सकता है कि स्मार्टफोन से क्या नुकसान है और इसके फायदे क्या है तो समझ लेना चाहिए कि वह स्मार्टफोन रखने के लिए तैयार है लेकिन अगर वह आपकी बातों को टालता है और उसे सुनने में आनाकानी करता है तो समझना चाहिए कि वह अभी इसके लिए पूरी तरह रेडी नहीं है. आजकल 12 से 15 साल की उम्र में बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन होता है. अगर आप भी इसी उम्र में अपने बच्चे को फोन दे रहे हैं तो उन सभी ऐप्स और वेब सर्च को लॉक कर दें, जिसकी उसे जरूरत नहीं है.
बच्चों को मोबाइल दें तो सेफ्टी भी अपनाएं

  1. बच्चों को फोन दें तो फोन पर कंट्रोल का यूज भी करें, ताकि बच्चे क्या-क्या कर रहे, इसकी जानकारी आपको मिल सके.
  2. शुरुआत में बच्चों को बेसिक फोन दें, जिससे वे सिर्फ कॉल कर सकें.
  3. अपने बच्चे के लिए आप स्क्रीन टाइम भी सेट कर सकते हैं.
  4. बच्चों को ये बात भी बताएं कि वे फोन में क्या कर रहे हैं, उस पर आपका फोकस है.
  5. बच्चों के फोन के पासवर्ड्स को जानने की कोशिश करें और उन्हें बताएं, इसमें उनकी ही भलाई है.
  6. जब बच्चा सोने जाए तो उससे एक घंटे पहले तक उसे फोन से दूर रखें और इसके फायदे बताएं.
  7. जब बच्चा टीनएज में पहुंच जाए तो उससे खुलकर बात करें और उसकी समस्या को हल करने की कोशिश करें.
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