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कैंसर सहित कई बीमारियों का इलाज कर सकता है ‘बुरांश का फूल’, जानिए ये इतना फायदेमंद क्यों?

उत्तराखंड और हिमाचल की पहाड़ियों में सेहत से जुड़े एक से एक जबरदस्त खजाने छिपे हुए हैं. ऐसा ही एक सदियों पुराना खजाना बुरांश का पेड़ है. बुरांश के फूल को एक जादुई फूल माना जाता है, जिसका इस्तेमाल सदियों से बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया जा रहा है. सदियों पुराना ये फूल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बुरांश के पेड़ को रोडोडेंड्रोन के नाम से भी पहचाना जाता है. इस पेड़ को ये नाम इसकी मनमोहक लाल गुलाबी फूलों की वजह से मिला है, जो कई गुणों से भरपूर होते हैं. बुरांश के फूल में कई शक्तिशाली औषधीय और चिकित्सीय गुण होते हैं. लोग विभिन्न रोगों से निजात पाने के लिए इसका सेवन करते हैं. आइए जानते हैं कि इस फूल में कौन-कौन सी खासियतें हैं. बुरांश का फूल कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनका सेवन आमतौर पर जूस या फिर स्क्वैश के रूप में किया जाता है. बुरांश का जूस लीवर की बीमारियों, सूजन, ब्रोंकाइटिस, गठिया के दर्द और ग्राउट को ठीक करने के लिए फायदेमंद है. इस फूल का जूस कई प्रकार के कैंसर के खिलाफ भी काफी गुणकारी है. क्योंकि इसमें क्वेरसेटिन और रुटिन फ्लेवोनोइड्स पाया जाता है. बुरांश के फूल का जूस और स्क्वैश इंसुलिन के असंतुलन को सही कर सकता है और स्किन, दिल और लीवर की समस्याओं को ठीक करने में भी मददगार है. बुरांश का इस्तेमाल सदियों से कई होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जा रहा है. बुरांश के फूल को लोगों ने तब सबसे ज्यादा पसंद करना शुरू कर दिया, जब उन्हें इसके स्ट्रॉन्ग एंटीवायरल गुण का पता चला. हिमालय में लुप्तप्राय और दुर्लभ पौधों पर एक स्टडी के दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) ने पाया कि इस हिमालयी पेड़ में एंटीवायरल गुण मौजूद हैं, जो SARS- CoV2 से संक्रमित सेल्स के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. बुरांश का शुगर फ्री जूस बनाने के लिए सबसे पहले बुरांश के कुछ फूलों को अच्छी तरह से धोकर पानी में भिगो दें. इसके बाद एक बर्तन में पानी भर लें और पानी को गर्म होने के लिए रख दें. फिर इसमें बुरांश के फूलों को डालें और धीमी आंच पर पकाएं. जब पानी का रंग गुलाबी हो जाए, तो इसे उतार लें. मिक्सचर को आधा होने तक अच्छे से हिलाते रहें और फिर छानकर ठंडा होने के लिए रख दें. इस मिक्सचर का कुछ हिस्सा गिलास में भर लें और फिर ठंडा पानी डालें. अंत में इसे चीनी या शहद के साथ मिलाकर पिएं.

 Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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