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मॉनसून के पहले गाड़ी के टायरों की जरूर करें जांच, वरना बाद में होगी परेशानी

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मानसून के आने से एक ओर जहां गर्मी और उमस भरे मौसम से राहत मिलती है, वहीं यह गाड़ी चलाने वाले लोगों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होता है. मानसून शुरू होने से पहले ही आपकी गाड़ी के टायर वाहन के टायर गर्मी और उमस की काफी कठोरता झेल कुछ चुके होते हैं, और पुराने टायरों पर अधिक गर्मी का ज्यादा असर पड़ता है. इसलिए आज हम आपको टायर के हेल्थ और सेफ्टी के लिए कुछ जरूरी और आसान नियम बताने वाले हैं, जिन्हें आपको जरूर अपनाना चाहिए.
डेप्थ की करें जांच
जब तक टायर में बने उसके खांचे में गहराई बनी रहती है तब तक कोई टेंशन की बात नहीं है, लेकिन यदि आपकी गाड़ी का टायर घिसकर चिकना हो गया है, और उसमें बनें खांचे खत्म हो गए हैं तो ऐसी स्थिति में बारिश के मौसम में सड़क पर आपकी गाड़ी के फिसलने का खतरा बढ़ जाता है. अगर ऐसा है तो आपको गाड़ी के टायर तुरंत बदलवा लेने चाहिए.
टायर के उम्र की करें जांच
नए जमाने के टायरों को अधिक गर्मी, घर्षण और कठिन परिस्थितियों का सामना करने के तैयार किया जाता है. लेकिन एक उम्र के बाद किसी भी प्रोडक्ट का खराब होना तय है. अधिक गर्मी के कारण रबर की भौतिक विशेषताएं प्रभावित हो सकती हैं. ऐसे में टायर में दरार या चिटकने के निशान दिखने लगते हैं. इसलिए यदि आपको अपनी कार के टायरों पर कोई दिखने योग्य क्षति, जैसे बड़ी दरारें और कट दिखाई दें, तो उन्हें नए टायरों से बदल देना ही समझदारी होती है. अधिकांश निर्माता टायर के लाइफ का निर्माण की तारीख से अधिकतम 10 वर्ष होने का दावा करते हैं. यह टायर पर लिखा होता है, जैसे यदि टायर पर 0323 लिखा है तो इसका मतलब है कि इसका निर्माण 2023 के तीसरे सप्ताह में किया गया था. नए टायर लगवाने से पहले इसकी जांच जरूर कर लें.
मजबूत पकड़ पर दें ध्यान
गीली सड़कों पर ट्रैक्शन काफी कम हो जाता है क्योंकि अच्छे खांचे के साथ भी, पानी को पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है. जिससे बारिश के दौरान सड़कों पर फिसलन बढ़ जाती है. इसलिए बारिश के मौसम में टायरों की पकड़ सड़क पर मजबूत रहे, इसके लिए आपको बारिश के दौरान गाड़ी की स्पीड अधिक नहीं रखनी चाहिए, वर्ना अधिक फिसलन के कारण एक्सीडेंट होने की संभावना बढ़ जाती है.
न करें क्रूज़ कंट्रोल का इस्तेमाल
सड़क की सतह पर पानी की मात्रा बारिश की तरह हमेशा बदलती रहती है. इसलिए सड़क गीली होने पर क्रूज़ कंट्रोल को बंद करना सबसे अच्छा है. यह वाहन को एक निर्धारित गति बनाए रखता है. एडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल सिस्टम भी केवल यातायात स्थितियों पर रिस्पॉन्स करते हैं और ड्राइवर की तरह पानी की स्थिति और स्तर में बदलाव का अनुमान नहीं लगा सकते हैं. इसलिए गाड़ी को मैन्युअल कंट्रोल करना सबसे अच्छा होता है.
सुरक्षित दूरी रखें मेंटेन
जैसे-जैसे आप वाहन की गति बढ़ाते हैं, आपको रुकने के लिए अधिक समय की जरूरत होती है. ऐसे में जरूरी है कि आप आगे चल रही गाड़ी से सुरक्षित दूरी मेंटेन करके चलें और आप आगे वाले वाहन से कम से कम 2 सेकेंड के दूरी पर ज़रूर रहें.

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