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अधिकारी कर्मचारी आंदोलन को शिक्षक महाफैडरेशन का नैतिक समर्थन

  • सबसे प्रमुख मांग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति: राजेश पाल

दुर्ग। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन के प्रांत प्रमुख राजेश पाल ने अधिकारी कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले एक दिवसीय आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने कहा कि महाफैडरेशन का गठन ही शोषित शिक्षक वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए हुआ है एवं अपने अस्तित्व में आने से लेकर आज पर्यंत तक लगातार शिक्षक संवर्ग के हितों में स्वतंत्र रूप से एवं सामूहिक रूप से शिक्षक के हित में सरकार के खिलाफ संघर्ष करता रहा है एवं चुंकी राज्य के शिक्षक व कर्मचारी इस महंगाई के दौर में अपने लंबित 9% महंगाई भत्ते एवं केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता एवं सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति ,शिक्षक एलबी संवर्ग के पेंशन के लिए 20 वर्ष की सेवा को मान्य करने जैसे मांगों को लेकर प्रदेश में कर्मचारी अधिकारी फैडरेशन मोर्चा के बैनर तले होने वाले एक दिवसीय आंदोलन को नैतिक समर्थन दे रहा है। जिस आशय में महाफैडरेशन की ओर से अधिकारी कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजकों के नाम से एक नैतिक समर्थन पत्र जारी किया गया है। राजेश ने प्रदेश के पदोन्नत से वंचित सहायक शिक्षक एलबी संवर्ग के हित में वेतन विसंगति की मांग को जो कि सबसे प्रमुख एवं बृहद मुद्दा है उसे मांग पत्र में सबसे ऊपर रखने की मांग को लेकर अपना विचार रखा एवं प्रांतीय संयोजकों से अपील की है कि अगर ऐसा आने वाले समय में किया जाता है तो छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफेडरेशन ऐसे आंदोलनों को ना केवल समर्थन देगा अपितु अपने पूर्ण शक्ति एवं समस्त सदस्यों के साथ आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगा। आने वाले समय में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मामले को पहले स्थान पर रखने की अपील करते हुए वर्तमान में चल रहे सभी आवश्यक मुद्दों के लिए हो रहे एकदिवसीय आंदोलन का नैतिक समर्थन करने की घोषणा महाफैडरेशन प्रमुख ने की है। साथ ही शासन द्वारा दिए 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार मानते हुए इसे नाकाफी बताते हुए शासन से अपील की है कि वे डी ए को तय तिथी से देते हुए अंतर राशि को एरियर्स के रुप में प्रदान करें।और अपील की है कि शिक्षकों को आंदोलन करने पर विवश न करें एवं उनकी सारी मांगों को यथाशीघ्र पूर्ण करें जिससे कि हमारे प्रदेश के नौनिहालों का शिक्षण कार्य प्रभावित ना हो एवं प्रदेश में शिक्षकों पालकों एवं शासन के मध्य एक अनुकूल वातावरण निर्मित हो सके। महाफैडरेशन के राजेश ने कहा कि उनका संगठन कर्मचारियों व शिक्षकों के हितों में हो रहे प्रत्येक आंदोलन का समर्थन करता था और करता रहेगा।

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