छत्त्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में आज मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले अनियमित कर्मचारियों पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेट्स लगाकर रोका गया। इससे नाराज होकर प्रदर्शनकारियों ने वहीं पुलिस प्रशासन के सामने ज्ञापन की प्रतियां जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि आज 14 जुलाई को दोपहर 3 बजे तूता में धरना प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिये निकले कर्मचारियों को पुलिस प्रशासन ने बेरिकेट कर रोक लगा दिया। इसके उपरांत कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ज्ञापन को लेने नही आया, तत्पश्चात ज्ञापन को कर्मचारियों के द्वारा पुलिस प्रशासन के सामने जला कर आक्रोश व्यक्त किया गया। अनियमित कर्मचारी सभा धरना को समर्थन देने पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने अनियमित कर्मचारियों की समस्या को अपनी सरकार की घोषणा पत्र में शामिल करने एवम सरकार बनने पर उनके अनुरूप कार्यवाही करने जी बात कही। प्रदर्शन को समर्थन देने नावा कुमार सारणिया, सांसद कोकराझाड़ असम समर्थन देने आए। उन्होंने अनियमित की समस्या को सांसद में उठाने की बात कही। श्री साहू ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों [संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका] अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में आज धरना-प्रदर्शन कर रहा है।
रामकुमार सिन्हा प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन ने बताया कि कांग्रेस ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है। अनियमित मंच से 14.02.2019 को मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए कि इस वर्ष किसानों लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा। अनियमित संघों के आवेदनों का परीक्षण करने कमेटी बनाई गई जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही है। राजेश गुप्ता एवं मनोज सोना द्वय ने कहा कि समस्यायों के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री से मिलने अनेक प्रयास किये पर मुलाकात का समय नहीं दिया गया। सरकार द्वारा अनियमित कर्मचारियों के समस्याओं पर किसी प्रकार कार्यवाही नहीं होने से अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित है। प्रेम प्रकाश गजेन्द्र सह संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने बताया कि प्रदेश के शासकीय 48 प्रशासनिक विभागों, 650 से अधिक शासकीय कार्यालयों (विभागों/निगम/मंडलों/स्वशासी निकाय) में 3 लाख से अधिक अनियमित कर्मचारी (संविदा-50000, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक-31000, प्लेसमेंट-53000, मानदेय-86000, अशंकालिक-66000, जाबदर-10000, ठेका-30000 ) कार्यरत है। इसी प्रकार रसोइया-87000, आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-52000, आंगनबाड़ी सहायिका-46000, मितानिन/प्रशिक्षक-75000 भी कार्यरत है तथा 40000 अनियमित कर्मचारी पृथक है। (संख्या अनुमानित-जैसा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बताया गया है) इसमें से 60 से अधिक सहयोगी संगठनों/विभाग के 1 लाख से अधिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व मोर्चा/फेडरेशन करता है और आज 10 हजार से अधिक कर्मचारी इस धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव में शामिल हुए है। धरना प्रदर्शन के दौरान मोर्चा एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों यथा कमलनारायण साहू, चितरंजन दास, मिलापचंद यादव उमेंद कुमार मार्कंडेय, मनोज सोना, राजेश गुप्ता, अरुण वैष्णव, राजेश गुप्ता, इंदु कश्यप, दोगेन्द्र जंघेल, राजकुमार साहू, युगल साहू , अशोक बघेल, आशीष पाण्डेय, भीमा राम तांदी, रामप्रसाद मंडावी, मनोज कुमार, दमेश्वर साहू, शांतिलाल कुमेठी, विनोद बघेल, केदार सिंह राजपूत, रामसकल मिंज, नारायण मरकाम, गिरधर पटेल , आशीष तनेजा, महेंद्र शिवारे, तर्निश जांगडे, हेमंत वर्मा, तापस राय सहित बड़ी संख्या में अनियमित कर्मचारीगण मौजूद थे।