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ना अन्न…ना जल…, नियमितीकरण के लिए आमरण सत्याग्रह, करो या मरो की स्थिति में संविदाकर्मी

रायपुर। संविदाकर्मियों को हड़ताल के 17 वे दिन सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किए जाने के कारण अब करो या मरो की स्थिति में पहुंच गए हैं। संविदा कर्मियों ने अन्न, जल त्यागकर आमरण अनशन जारी कर दिया है। इनका कहना है जब तक सरकार कोई पहल नहीं करती या इनकी सांसे नहीं रुकती तब तक अनशन जारी रहेगा। इनकी नियमितिकरण और आमरण अनशन को छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की मांग को लेकर बिलासपुर के गांधी के रूप में पहचान बनाने वाले संजय आयल सिंघानी ने आमरण अनशन में बैठे कर्मचारियों के बीच पहुंचकर अपना समर्थन दिया। वे 1026 किमी पदयात्रा कर बिलासपुर से दिल्ली गए थे, और धरना भी दिया था। आमरण अनशन पर 3 संविदा कर्मी क्रमश: श्रीकांत लास्कर, राकेश कश्यप, प्रेम राजपूत बैठे हैं। श्रीकांत लास्कर का कहना है कि 15 दिनों से हम सरकार से संवाद स्थापित करने का हर संभव प्रयास किए किंतु हमारे प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है। इसलिए अब हम करो या मरो की स्थिति में पहुंच गए हैं। आमरण अनशन के दौरान हम लोग न अन्न ग्रहण करेंगे, ना ही जल ग्रहण करेंगे। भले ही हमारे प्राण निकल जाए।

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