रायपुर। दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले से गुप्त टेंडर निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस गुप्त टेंडर का कड़ा विरोध किया गया है तथा इसे निरस्त करने की भी मांग की गई है। मामला आदिवासी विकास शाखा का है। कलेक्टर को प्रेषित पत्र के माध्यम से की गई शिकायत में कहा गया है कि आदिवासी विकास शाखा दंतेवाड़ा द्वारा विगत दिनों करीब ढाई करोड़ की राशि की निविदा लगाई गई थी। इस निविदा का प्रकाशन दो अखबारों में हुआ था, परंतु जिस अखबार में विभाग द्वारा निविदा प्रकाशन की बात कही जा रही है वह संबंधित जिले में आता ही नहीं है।

आदिवासी विभाग में जिले के कई ठेकेदारों ने विभाग में इस निविदा को लेकर कई बार संपर्क किया तो उन्हें यह जवाब दिया गया कि किसी भी प्रकार की निविदा विभाग द्वारा नहीं निकाली गई है यदि किसी भी प्रकार की निविदा निकाली जाती है तो उन्हे बताया जाएगा एवं सूचना पटल पर भी जानकारी चस्पा की जाएगी। महोदय इस निविदा को निकालने में न तो किसी स्थानीय अखबार या प्रदेश स्तर के अखबार में विज्ञापन का प्रकाशन हुआ ही नहीं है और ना ही कार्यालय के सूचना पटल पर इसकी जानकारी चस्पा की गई है। जिस तरह से विभाग द्वारा इस निविदा की प्रक्रिया अपनाई गई है यह निश्चित रुप से संदेह के दायरे में है। यह प्रतीत हो रहा है कि किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए कार्यालय द्वारा लगातार जानकारी छुपाई जा रही है।

पत्र में कलेक्टर से अनुरोध किया गया है कि उक्त टेंडर को निरस्त करते हुये पुन: टेंडर करवाने की कृपा करें। एवं उक्त निविदा को स्थानीय एवं प्रदेश स्तर के समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उचित कार्यवाही करें। ताकि पुन: इच्छुक ठेकेदारों को इस निविदा में भाग लेने का मौका मिले जिससे स्वस्थ एवं पारदर्शी तरीके से इस निविदा की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सके। शिकायत करने वालों में भारतीय जनता पार्टी के दीपक बाजपेई प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, महावीर माहेश्वरी जिला अध्यक्ष, कुणाल ठाकुर जिला महामंत्री, सुमित भदोरिया जिला महामंत्री, नंदलाल मुरामी पूर्व जिला पंचायत सदस्य है।