कांग्रेस सरकार ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा को पूरा ना कर प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को धोखा दिया है. इस क्रम में अपनी 4 सूत्रीय मांग यथा नियमितीकरण, पृथक कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्ण कालीन करने, आउट सोर्सिंग/ठेका/सेवाप्रदाता सिस्टम बंद करने एवं कांग्रेस सरकार के वादाखिलाफी के विरुद दिनांक 02 अक्टूबर को तुता (निमोरा) रायपुर में “अनियमित सत्याग्रह एवं सी.एम. हाउस मार्च” आयोजित कर रहा है. उल्लेखनीय है कांग्रेस सत्ता में आने के पूर्व प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर 10 दिन नियमित करने का वादा किया था परन्तु नियमितीकरण तो दूर 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों की छटनी कर दी गई, 2500 से अधिक शिक्षा दूत, स्थानीय अतिथि शिक्षक, ट्यूटर शिक्षक पर निकाले जाने का तलवार लटक रही है. इसी प्रकार 3000 से अधिक 102 एवं 108 के कर्मचारियों को निकाल दिया गया है . अनेक विभागों में कार्यरत कर्मचारियों यथा मदरसा अतिथि शिक्षक, किसान मित्र, सखी को विगत 6 माह, 1 वर्ष, 2 वर्ष, 4 वर्ष से वेतन नहीं दे रही है. संविदा, मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढाया गया है वह भी सभी वर्ग को नहीं मिल पा रहा है| न्यूनतम वेतन में विगत 6 वर्षों से वृद्धि न कर श्रम सम्मान राशि देने की घोषणा की गई है जो अद्यतन किसी को मिला नहीं है. रोजगार सहायकों को रु. 9540 देने के घोषणा के उपरांत भी नहीं दिया जा रहा है. जिससे प्रदेश में कार्यरत लाखों अनियमित कर्मचारियों (दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर के श्रमिक, प्लेसमेंट, सेवा प्रदाता, मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका, संविदा, पृथक अनियमित कर्मचारी) काफी व्यथित एवं आक्रोशित है. प्रदेश के समस्त अनियमित कर्मचारियों से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुँच कर 2 अक्टूबर को आयोजित “अनियमित सत्याग्रह एवं सी.एम. हाउस मार्च” को सफल बनावें.
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