बिलाईगढ़ के ग्राम गाताडीह में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां वारिसान, लम्बरदार के पिता की मृत्यु के बाद न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण भूमि पर पूर्ण निर्णय नहीं होने व स्थगन आदेश के बाद भी अनावेदकों द्वारा जबरन दबंगई पूर्वक मकान निर्माण किया जा रहा हैं। जिस पर आवेदक द्वारा निर्माण कार्य को लेकर मना करने पर उनके साथ मारपीट करने व जान से मारने जैसे धमकी दी जा रही है।
दरसल पीड़ित लम्बरदार सुलोचना जायसवाल ने बताया कि इनके पिता अम्बिका लाल जायसवाल द्वारा खसरा क्रमांक 759 , 760 जिसका रकबा 0.008, व 0.041 हेक्टेयर भूमि हैं। जिसके विभाजन के लिए राजस्व विभाग भटगांव में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसका मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। समक्ष राजस्व न्यायालय भटगांव द्वारा उक्त भूमि पर किसी प्रकार की अन्य निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी किया गया है। परंतु अनावेदक रामनारायण जायसवाल व उनके बेटों द्वारा जबरन जमीन हथियाने के उद्देश्य से न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए जानबूझकर भवन निर्माण किया गया हैं और आगे भी निर्माण किया जा रहा है। जबकि उक्त भूमि को पटवारी द्वारा नांप किया गया है। ऐसे में पीड़ित परिवार द्वारा उन्हें मना करने पर मारपीट कर गाली-गलौच व जान से मारने की धमकी दी जाती हैं। जिसकी शिकायत नजदीकी थाने में भी कराई गई हैं। परंतु पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया जिससे अनावेदकों के हौसले आज और बुलंद हो गये हैं. जो दबंगई पूर्वक लगातार भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है। ऐसे में पीड़ित परिवार को न्याय मिलता नहीं दिख रहा है ।
आज उन्हें न्याय नहीं मिलने पर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलाधीश को भी शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। आगे पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से शासन-प्रशासन सहित जिम्मेदार अधिकारियों को निवेदन करते हुये माँग किया है कि उक्त भूमि पर तब तक कोई निर्माण नहीं किया जाए…. जब तक की…..उस भूमि की प्रकरण में उचित फैसला न हों जाये।