इन दिनों मौसम के मिजाज काफी बदले-बदले हैं. कभी बहुत ज्यादा गर्मी, बारिश तो कभी ठंडक. इस बदलते मौसम में जरूरी है कि आप अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें. कहते हैं न बदलते मौसम में अच्छे-अच्छों की इम्युनिटी विक हो जाती है. ऐसे में तबियत खराब होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. आपको बदलते मौसम में बीमारियों से निजात चाहिए तो कुछ ऐसा रामबाण इलाज ढूंढ़ना होगा जिसके इस्तेमाल से आप पूरे दिन ठीक रह सकते हैं. कई लोगों को इस मौसम में इतनी बार बुखार हो जाता है कि उन्हें बार-बार दवा खाना पड़ता है. ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं कुछ खास टिप्स. इस मौसम में बार-बार सर्दी, खांसी और बुखार होना एक आम समस्या है.
घी को लेकर हाल ही में हुआ एक रिसर्च
इस बीमारी का इलाज हमारे रसोई में छिपा है. इंडियन किचन में भर-भर के घी का इस्तेमाल होता है. नॉर्मल फ्लू से लेकर सर्दी तक को कंट्रोल करने में हम घी का इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में एक रिसर्च किया गया है जिसमें पता चला है कि भारतीय गांवों में पुरुष ज्यादा घी खाते हैं जिसकी वजह से उन्हें दिल की बीमारी और कोरोनरी दिल की बीमारी का खतरा कम होता है. घी में दूसरे तेलों की तरह फैट नहीं होता है. यह एक सुपरफूड है जो कई तरह की बीमारी से हमें राहत दिलाता है.
पोषक तत्वों से भरपूर
घी आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें विटामिन ए, डी, ई और के, साथ ही स्वस्थ फैटी एसिड भी शामिल हैं. ये पोषक तत्व इम्युनिटी को मजबूत बनाती है और आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.
सूजनरोधी
घी में सूजनरोधी गुण होते हैं, जो आपके शरीर के सूजन को कम करता है. साथ ही साथ यह सांस लेने की नली, सूजन, गला और फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन को ठीक करता है.
घी में वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति होती है
घी में वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की काफी ज्यादा शक्ति होती है. जो शरीर को मजबूत करता है.
सर्दी-खांसी में घी का इस्तेमाल कैसे करना है?
घी पोषक तत्व से भरपूर होता है. बुखार, खांसी या सर्दी होने पर आप इसे हल्का सा गर्म करके इस्तेमाल कर सकते हैं.
घी और काली मिर्च की चाय
घी और काली मिर्च का यह संयोजन कंजेशन से राहत देने और गले की खराश को कम करने में मदद कर सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.