पंचांग अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएँ दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत अखंड प्रेम, सम्मान और त्याग की चेतना का प्रतीक के रूप में मनाते हैं। शिव-पार्वती जी और चंद्र देव की कृपा से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो ये पूजन सामग्री एकत्र कर लें।करवा चौथ 2023 चांद कब निकलेगा– हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ की पूजा का समय 1 नवंबर 2023 को शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है। इसके साथ ही करवा चौथ का चांद रात 08 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा। शहर के हिसाब से कुछ मिनट का बदलाव हो सकता है।
करवा चौथ सरगी लिस्ट फल, मेवे, नारियल, पका हुआ भोजन, मिठाई, हलवा या सेवई, सोलह श्रृंगार
करवा चौथ पूजन सामग्री – मिट्टी या तांबे का करवा, ढक्कन, सींक, फूल, माला, करवा चौथ की थाली, छलनीव्रत कथा की पुस्तक, पान, कलश, चंदन, हल्दी, चावल, मिठाई, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहदशक्कर का बूरा, रोली, कुमकुम, मौली, अक्षत, आठ पूरियों की अठावरी, बिछिया या पायल, आटा की लोई, थोड़े चावल।
करवा और सींक का महत्व– करवा चौथ में मिट्टी या फिर पीतल के करवा का विशेष महत्व है। जहां करवा को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ की करवा की टोटी को सूंड माना जाता है। इसलिए इसमें जल भरकर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।कांस की सींक – करवा चौथ में कांस की सीक का विशेष महत्व है। इन्हें करवा की टोटी में लगाया जाता है। इन सींक का शक्ति से सम्बन्ध है।