आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में मौजूद फिशिंग हार्बर में सोमवार (20 नवंबर) को बड़ा हादसा हुआ. यहां फिशिंग हार्बर पर भीषण आग लग गई, जिसकी वजह से बंदरगाह पर खड़ी 35 मैकेनाइज्ड फिशिंग बोट्स जलकर राख हो गईं. आग लगने की शुरुआत रविवार देर रात हुई, जो सोमवार तड़के तक जारी रही है. इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नावों को जलते हुए देखा जा सकता है.
बंदरगाह पर मौजूद स्थानीय मछुआरों ने आग लगने के बाद तुरंत स्थानीय पुलिस को फोन किया और घटना की जानकारी दी. मछुआरों ने बताया कि आग लगने की शुरुआत एक नाव से हुई, जो देखते ही देखते अन्य नावों तक फैल गई. आग इतनी तेजी से इसलिए फैली, क्योंकि जिस नाव पर आग लगी, उसके आस-पास अन्य नावों ने लंगर डाला हुआ था. इसने आग को तेजी से फैलने में मदद की. ज्यादातर नावें लकड़ी से बनी हैं या फिर उनमें प्लास्टिक था, जिससे आग और फैली.
क्या है आग लगने की वजह?
दरअसल, आग लगने की इस घटना के पीछे एलपीजी सिलिंडर का हाथ है. नावों पर रखे एलपीजी सिलिंडरों में जोरदार धमाका हुआ. इसकी वजह से अफरा-तफरी मच गई. सिलिंडरों के फटने की आवाज काफी दूर तक सुनी गई. सिलिंडरों के फटने के बाद आग लगने की शुरुआत हुई, जो देखते ही देखते 35 नावों को राख करके चली गई. हालांकि, अभी भी ये समझने की कोशिश की जा रही है कि आखिर एलपीजी सिलिंडर में धमाके किस वजह से हुए.
हर एक नाव की कीमत 40 लाख रुपये
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के आनंद रेड्डी ने कहा है कि आग पर काबू पाने के लिए चार से अधिक दमकल गाड़ियों को लगाया गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. मछुआरों ने कहा कि आग की वजह से मछली पकड़ने वाली 40 से ज्यादा नावें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं. हर नाव की कीमत कम से कम 40 लाख रुपये थी. पुलिस और अग्निशमन सेवा कर्मियों ने कहा कि आग पर काबू पाने के बाद वे आग लगने के सही कारणों का पता लगाएंगे.