
अमलेशवर – -साधु संत के बातों को उनके अनुयायी बहुत ही अच्छे से मानते आ रहें हैं अगर संत जिस भाषा में समझायें उनके अनुसरण भक्त जन उसी रूप में करना शुरू ही कर देते हैं , कल अंतरराष्ट्रीय संत आदरणीय पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा शिव महापुराण कथा छुई खदान गंडई में कथा सुनने पंडाल में आये लगभग सवा लाख श्रेताओ को बेल पौधे लगाने के लिए संकल्पित करवाया साथ ही पुरे जिम्मेदारी के साथ अपने बच्चों की तरह पालन पोषण करके बड़ा होने तक देखभाल करने के लिए कहा गया हैं ,उन्होने कहाँ कि हमारे भूमिगत जलस्रोत दिन प्रतिदिन उसका जो वाटर लेबल हैं बहुत नीचे जा रहा हैं,जिसके कारण से बहुत से क्षेत्रो में पीने के लिये पानी की समस्या गंभीर हो रहा हैं , और इसे नियंत्रित करने का एक ही उपाय बताया कि अपने आस पास ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण कर उसका संरक्षण किया जाय ,क्योकि पेड की जडे धरती के अंदर जो पानी की स्रोत नीचे जो जा रहा हैं उसे रोक कर रखता हैं ,पंडित जी ने यहीं बात मई महिने में अमलेशवर में आयोजित समर्पण शिव महापुराण कथा में भी पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता वयक्त करते हुये कहा था कि हमे अपने नदी , तालाब व कुओं को प्रदूषण से बचाना हैं क्योकि जल के प्रदूषित होने व उसके सेवन करने के कारण से सभी जीवधारी बीमार हो जाते हैं व अकाल मृत्यु हो जाता हैं ,उन्होने ऐसे व्यक्ति से विशेष आग्रह किया था कि जो व्यक्ति खाली हैं या जो अपने आप को खाली समझता हैं वो खाली जगह पर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर उसका संरक्षण करे ।खास कर उन्होने फल दार पौधे बेल की पौधे लगाने पर विशेष बल दिया क्योकि जहाँ इसके पत्तियाँ भगवान की पूजा अराधना के काम में किये जाते हैं वहीं इनके फल भी स्वास्थ्य के लिये बहुत ही फायदेमंद उपयोगी भी है । छ.ग. पर्यावरण मित्र समिति के अध्यक्ष डाँ अश्वनी साह व वरिष्ठ सलाहकार ललित बिजौरा ने कहा कि यदि इसी तरह की पहल सभी हमारे धर्म गुरु करेंगे तो निश्चित ही अधिक से अधिक लोग पर्यावरण के प्रति सचेत होकर पौधारोपण के अभियान से जुडकर और बेहतर ढंग से काम कर सकेंगे । छ.ग.पर्यावरण मित्र समिति ने आदरणीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा निरंतर पर्यावरण के प्रति लोगो को जागरूक करने के अभियान की खूब प्रशंसा कर रहे हैं । समिति ने पंडित जी के सभी साधकों के साथ ही आम लोगों को भी अपने अपने आस पास के क्षेत्रो में अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाने के साथ ही ज्यादा आक्सीजन देने वाले पौधे बरगद ,पीपल व नीम लगाने का गुजारिश किये हैं । समिति निरंतर ही लोगो को नि: शुल्क पौधे भी देते आ रहे हैं ,जिससे कि पर्यावरण संरक्षण के कार्यो को बढावा मिलता रहे ।