किसी व्यक्ति के पैरों में सूजन कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि गर्म मौसम या गर्भावस्था से लेकर दिल की बीमारी या ब्लड के थक्के जैसी अधिक गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां. पैरों में सूजन का उपचार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है.
एडिमा: एडिमा सूजन के लिए मेडिकल शब्द है जो तब होता है जब शरीर के सेल्स में तरल पदार्थ फंस जाता है. यह आमतौर पर पैरों और पंजों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे चेहरे या पैर या टखने की चोट: पैर या टखने में चोट लगने से शरीर के इस हिस्से में सूजन हो सकती है. उदाहरण के लिए, टखने में मोच, जो तब होती है जब स्नायुबंधन अत्यधिक खिंच जाते हैं, पैर में सूजन का कारण बन सकती है. यह एक चिकित्सा स्थिति है जो आमतौर पर गर्भावस्था के उत्तरार्ध में होती है और एक्लेम्पसिया में बदल सकती है, जो और भी खतरनाक है.
गर्भावस्था: गर्भावस्था के अंतिम चरण का एक आम लक्षण पैरों और टखनों में सूजन होना है. यह सूजन द्रव प्रतिधारण और नसों पर बढ़ते दबाव के कारण होती है.
एडिमा के लक्षण
प्रभावित क्षेत्र पर चमकदार, फैली हुई त्वचा
दबाने के बाद त्वचा पर गड्ढे बने रहना
असुविधा और गतिशीलता में कमी
खांसी या सांस लेने में कठिनाई, अगर यह फेफड़ों को प्रभावित करता है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट और पैरों के बीच गहरा कनेक्शन होता है. हार्ट से जुड़ी समस्याएं पैरों के साथ ओवरऑल हेल्थ पर असर डाल सकता है. हार्ट की पंपिंग, पीएडी धमनी जैसी बीमारी से ये प्रभावित हो सकती हैं. इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है और सूजन आ सकती है. जब पैरों को पंप किए गए ब्लड से ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कई बार हार्ट डिजीज के शुरुआती लक्षण पैरों में नजर आते हैं लेकिन लोग उन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इनमें पैरों में दर्द, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं हार्ट और पैरों के बीच क्या कनेक्शन है…
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पैरों में दर्द और सूजन के कई कारण हो सकते हैं. उनमें हार्ट प्रॉब्लम भी शामिल है. इसलिए कभी भी पैरों में दर्द को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने पर भी हार्ट डिजीज का खतरा पैदा हो सकता है, जिसका प्रभाव पैरों पर पड़ता है. पैरों को हेल्दी बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें. आहार सही बनाएं.