रायपुर। छत्तीसगढ़ में अधिकारी और कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन पर हैं, जिसके चलते शुक्रवार को सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन द्वारा ‘कलमबंद-कामबंद, तालाबंद’ का आव्हान किया गया है, जिससे सरकारी सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा है।
प्रमुख मांगों में मोदी गारंटी लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। इस हड़ताल के कारण न केवल सरकारी कार्यालय, बल्कि स्कूलों में भी शिक्षक नदारद रहे, जिससे शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। फेडरेशन के बैनर तले यह चौथे चरण का आंदोलन है, जिसमें प्रदेशभर के 100 से ज्यादा विभागों के लगभग 4.75 लाख अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए हैं।
राजधानी रायपुर स्थित इंद्रावती भवन, जहां कई प्रमुख सरकारी विभागों के कार्यालय हैं, वहां भी कामकाज पूरी तरह से बंद है। पूरे भवन में सन्नाटा पसरा हुआ है, और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में ताले लटके हुए हैं। इस आंदोलन के तहत जिला और विकासखंड स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है। राज्यव्यापी हड़ताल ने छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवाओं को ठप कर दिया है, और आंदोलन के आगे बढ़ने के साथ ही सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।