Monday, December 8

छत्तीसगढ़ की धर्मिक नगरी दुर्ग के गंजपारा में स्थित सत्तीचौरा मंदिर में क्वांर नवरात्रि पर्व में स्थापित होने वाली दुर्गा प्रतिमा छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की अलग प्रतिमा है। यहां प्रतिदिन माता का श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार भी केवल ज्वेलरी या अन्य बदलने तक सीमित नहीं है। बाकायदा प्रतिमा की पेंटिंग भी बदली जाती है, जोकि पूरे छत्तीसगढ़ में एकमात्र स्थान में होता है, दुर्ग के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर की स्थापना भले ही अभी कुछ वर्षों पूर्व ही हुई है परंतु यहाँ क्वांर नवरात्र पर्व में विगत 48 वर्षों से माता जी की प्रतिमा स्थापित की जाती आ रही है, विगत 48 वर्षों से यहां 18 भुजाओं वाली माता जी की ही प्रतिमा रखी जाती है जिसका प्रतिदिन श्रृंगार अलग अलग रूपों में किया जाता है, प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से माता जी का श्रृंगार करना प्रारंभ किया जाता है जिसमें विगत 40 वर्षों से राजीव नगर निवासी हेमंत मानिकपुरी माता जी का श्रृंगार करता है, माता जी की प्रतिमा का प्रतिदिन साड़ी का रंग भी बदला जाता है, सुबह से माता जी की साड़ी का रंग बदलना चालू होता है फिर पूरे आभूषण बदला जाता है क्वांर नवरात्र में प्रतिदिन नए रंग व वेशभूषा में माता की आराधना होती है। समित्ति के रिषी गुप्ता ने बताया कि करीब 48सालों से लगातार यह क्रम जारी है। सत्तीचौरा का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। स्थानीय लोगों में इस मंदिर को लेकर अपनी आस्था है। छोटा-सा यह मंदिर दुर्लभ माना गया है। पुराने लोगों के माने तो यह पहले गंजमंडी में स्थापित होने वाली माता की प्रतिमा के साथ विराजमान होती थीं। दोनों को बहनों की तरह माना जाता है। बाद में अलग से समिति का गठन हुआ। आज भी प्रतिमा की स्थापना के दौरान दोनों प्रतिमाओं को आमने-सामने से होकर एक बार अवश्य गुजारा जाता है। इधर सत्तीचौरा में स्थापित दुर्गा प्रतिमा में प्रतिदिन करीब 7 हजार रुपए खर्च कर श्रृंगार किया जाता है। यह परंपरा 1977 में शुरू की गई। मंदिर समिति के मोहित पुरोहित ने बताते हैं कि प्रदेश में अन्य किसी भी दुर्गा प्रतिमा का प्रतिदिन श्रृंगार नहीं होता, लेकिन हमारे यहां परंपरा है। हमारे बुजुर्गों ने इनका निर्वहन किया। अब वे इसका निर्वहन कर रहे हैं, जोकि पूरे प्रदेश में एक अलग स्थान बन चुका है, सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर का कन्याभोज का अयोजन भी पूरे छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा कन्याभोज होता है जिसमें प्रतिवर्ष क्वांर नवरात्र पर्व में हजारों की संख्या में कन्या माताओं के पूजन एवं महाकन्या भोज करवाया जाता है, इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर्व में सत्तीचौरा में आकर्षित झांकी भी बनाई गई है जिसे देखने पूरे जिले से हजारों की संख्या में धर्मप्रेमी आ रहे है, इस वर्ष सत्तीचौरा में नदी एवं गरुड़ की लड़ाई एवं भगवान श्री बसुखिनाथ श्रीहरि विष्णु का संवाद की 2 अलग अलग झांकी रखी गयी है झांकी में प्रवेश द्वार पर लगभग 10 फिट ऊंचा राक्षस है जिसके मुह के नीचे से सभी लोग प्रवेश करते है, फिर अंदर 18 भुजाओं वाली माता जी का दर्शन एवं आकर्षित चलित झांकी का दर्शन जिसमें लगभग 12 फिट लंबे साँप को गरुड़ जी मार रहे है और उसे नंदी बचा रहा है यह दृश्य है फिर भगवान शंकर जी और विष्णु जी का सवांद दिखाया गया है, झांकी पूरी आडियों के द्वारा संचालित हो रही है लगभग 4 मिनट का यह पूरा दृश्य देखने को मिल रहा है इस वर्ष सत्तीचौरा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग यह चलित झांकी आकर्षित लाईट पंडाल सजावट देखने आ रहे है.

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031