रायपुर। राजनांदगांव जिले में कस्टम मिलिंग के शेष मात्रा का चावल जमा कराने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा राईस मिलर्स के विरूद्ध जांच पड़ताल एवं कार्रवाई का अभियान जारी है। एफसीआई और नान में कस्टम मिलिंग का चावल जमा कराने में लापरवाही बरतने वाले 9 मिलर्स के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने के साथ ही जांच पड़ताल में गड़बड़ी पकड़ में आने पर उनके मिलों से अब तक कुल 35,877 क्विंटल धान एवं 14,650 क्विंटल चावल जब्त किया गया है। जिला प्रशासन ने इसी सिलसिले में राजनांदगांव जिले के ग्राम राका स्थित मेसर्स एमजे फूड प्रोडक्ट को एक साल के लिए ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही एक करोड़ 40 लाख रूपए की वसूली की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि राईस मिलर्स द्वारा एफसीआई और नान में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के कस्टम मिलिंग का चावल जमा कराने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित है। इसमें लापरवाही बरतने वाले मिलर्स के विरूद्ध जिला प्रशासन ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए जांच-पड़ताल एवं कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले के सभी राईस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के शेष चावल की मात्रा को तेजी से जमा कराने के निर्देश दिए है।
खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी ने बताया कि खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मेसर्स एमजे फूड प्रोडक्ट ग्राम राका डोंगरगढ़ की जांच की गई। जांच में मिल परिसर में कस्टम मिलिंग के तहत उठाव किये गये धान के विरूद्ध 5682.78 क्विंटल धान कम पाया गया। मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग के तहत चावल जमा करने में रूचि नहीं दिखाने तथा धान की कस्टम मिलिंग नहीं करते हुए शासकीय धान की अफरा-तफरी की गई है, जिसके चलते संचालित राईस मिल मेसर्स एमजे फूड प्रोडक्ट ग्राम राका डोंगरगढ़ को एक वर्ष के लिए काली सूची में डाल दिया गया है। उक्त राईस मिल के संचालक द्वारा जिला विपणन अधिकारी में जमा बैंक गांरटी से मिल में कम पाये गये 5682.78 क्विंटल धान की राशि लगभग 1 करोड़ 40 लाख रूपए तत्काल वसूली किये जाने के निर्देश दिए गए है। जिले के राईस मिलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। जिसके परिपालन में अब तक जिले के 9 राईस मिलर्स पर कार्रवाई करते हुये कुल 35877 क्विंटल धान एवं 14650 क्विंटल चावल जप्त कर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।