अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान, फिलिपींस द्वारा प्रायोजित परियोजना जोकि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में संचालित है के अंतर्गत धान की उन्नत सीधी बुवाई के प्रदर्शनों हेतु प्रक्षेत्र दिवस एवं कृषक संगोष्ठी का आयोजन ग्राम चटौद ब्लॉक आरंग जिला रायपुर में दिनांक 8 नवंबर 2024 को किया गया। कार्यक्रम में कृषकों को उन्नत प्रदर्शनों का भ्रमण, उन्नत प्रजातियां, उन्नत सस्य प्रौद्योगिकी, खरपतवार प्रबंधन, कीट व्याधियां, यंत्रीकरण तथा धान के बाद रबी फसलों का चयन एवं प्रबंधन पर जानकारी दी गयी। इस विधि को अंगीकृत करने से लगभग 50% बीज, 30% तक पानी एवं प्रति एकड़ ₹6000 तक की बचत की जा सकती है ।
इस विधि से धान की बुवाई करने से जलवायु परिवर्तन हेतु कारक मीथेन गैस का उत्सर्जन कम होता है साथ ही मृदा स्वास्थ्य में सुधार होता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संचालक अनुसंधान सेवाएं इं. गां. कृ.वि. डॉ विवेक त्रिपाठी रहे। इस अवसर पर डॉ जी के श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष सस्य विज्ञान विभाग, डॉ आर लाकपाले, संचालक फॉर्म एवं डॉ गौतम राय ने भी अपने उद्बोधन में इसके लाभ बताए। इस कार्यक्रम में डॉ सुनील नायर, डॉ संजय द्विवेदी, डॉ नितीश तिवारी, डॉ विजय सोनी, डॉ राजेश अग्रवाल, डॉ डी के चंद्राकर तथा डॉ जी पी बंजारा, विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने धान की सीधी बुवाई विषय पर विस्तृत चर्चा की एवं कृषकों की जिज्ञासाओं का निराकरण किया। कार्यक्रम में लगभग 150 प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ संजय द्विवेदी प्रमुख वैज्ञानिक एवं परियोजना प्रमुख द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में उन्नत डीएसआर से धान उत्पादन करने वाले कृषकों को सम्मानित भी किया गया, जिससे भविष्य में अन्य कृषक प्रोत्साहित होकर ऐसी तकनीक का अंगीकरण कर अधिक लाभप्रद एवं जलवायु परिवर्तन हेतु अनुकूल कृषि की ओर अग्रसर हो सके। ग्राम चटौद के सरपंच श्री हेमचंद चंद्राकर ने भी कृषकों को इस तकनीक को अंगीकृत करने हेतु प्रेरित किया।