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ठिकाने बदल-बदलकर रह रहे थे …. जैसे ही ऑन किया मोबाइल… फिर 8 महीने बाद ऐसे खुला देवर-भाभी का वो राज…

कानपुर में ट्रक ड्राइवर पति की चाकू से गोदकर हत्या कर देवर के साथ फरार हुई पत्नी को पुलिस ने आठ महीने बाद मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम से गिरफ्तार कर लिया है. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी ठिकाने बदल-बदलकर रह रहे थे. वो दिन में ढाबे पर काम करते और शाम को बागेश्वर धाम में सेवा करते थे. आरोपी महिला ने जैसे ही अपना मोबाइल ऑन किया, पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई.
सीतापुर का रहने वाला दिनेश अवस्थी कानपुर के खरेसा गांव में रहता था. उसने 2 साल पहले पूनम अवस्थी उर्फ गुड़िया से शादी की थी. दिनेश का भाई मनोज भी उसी के साथ रहता था. जब दिनेश अपना ट्रक लेकर दूसरे शहर चला गया तो पूनम का अफेयर अपने देवर के साथ हो गया. जब 23 अप्रैल को दिनेश अचानक घर पहुंचा तो उसने दोनों को फिजिकल रिलेशन बनाते देख लिया, जिसके बाद दोनों में खूब बहस हुई. उसने पूनम को मारना शुरू कर दिया तो फिर पूनम ने देवर मनोज के साथ लाठी-डंडे से दिनेश की पिटाई कर दी. उसे इतना मारा कि उसकी मौत हो गई.
देवर भाभी ने मिलकर रात में ही दिनेश के शव को तालाब में फेंक दिया, जब सुबह उसका शव पानी में उतराने लगा तो फिर मनोज डंडा लेकर उसे बोरी से दबाने लगा, जिसमें बॉडी रखी थी. गांव के एक शख्स ने मनोज को ऐसा करते हुए देख लिया और बात पूरे गांव में फैल गई. इसके बाद पुलिस ने आकर बोरी निकलवाई तो उसमें दिनेश अवस्थी के लाश मिली. इधर कारनामा खुलते ही देवर-भाभी दोनों घर से फरार हो गए और अपने फोन स्विच ऑफ कर लिए.
इस मामले में मृतक दिनेश के छोटे भाई की शिकायत पर बिधनू थाने में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया, लेकिन पुलिस दोनों को ढूंढ़ नहीं पाई. आठ महीने बाद अचानक एक दिन आरोपी महिला का मोबाइल स्विच ऑन हुआ और उसने कानपुर की किसी महिला से फोन पर बात की. पुलिस ने उसके बाद दोनों को ट्रेस किया तो पता चला दोनों मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम में सेवादार बनकर आठ महीने से छिपे हुए है. इसके बाद पूनम और उसके प्रेमी मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने जब पूनम से पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि मेरे संबंध देवर मनोज से हो गए थे. पति ने इसका विरोध किया मैंने देवर के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद जब बॉडी सुबह मिल गई तो हम लोग पकड़े न जाएं, इसलिए भागकर मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम पहुंच गए. उसके पहले फोन हम लोगों ने स्विच ऑफ कर दिए, वहां पर हम लोगों ने सेवादार बनकर सेवा शुरू कर दी थी.

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