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जनजातीय गौरव दिवस पर निकली ‘माटी के वीर’ पदयात्रा…. 10 हजार माय भारत युवा स्वयंसेवकों के साथ शामिल हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और सीएम साय….जशपुर में बनेगा स्टेडियम…

चन्द्रभूषण वर्मा
रायपुर 13 नवंबर 2024। भगवान बिरसा मुंडा ‘माटी के वीर पदयात्रा’ आज जशपुर के पुरना नगर मैदान से हुई शुरू। पदयात्रा में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 10 हजार से अधिक माय भारत युवा स्वयंसेवकों के साथ पदयात्रा की। माटी के वीर पदयात्रा में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग, कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिक विभाग मंत्री श्री रामविचार नेताम, खेल एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री श्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद श्री राधेश्याम राठिया, सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक श्रीमती गोमती साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक रामकुमार टोप्पो, विधायक सुशांत शुक्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रियम्वदा सिंह जूदेव शामिल हैं। पदयात्रा विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए समापन रणजीता स्टेडियम में होगा। भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी और भगवान बिरसा मुंडा की वेशभूषा धारण किए युवाओं ने पदयात्रा की शोभा बढ़ाई।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने दी जशपुर को बड़ी सौगात
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया आज जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने जशपुर को बड़ी सौगात दी है. उन्होंने सीएम साय की मांग पर जिले में खिलाडिय़ों के लिए स्पोट्र्स स्टेडियम की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इसी स्टेडियम में खेला हुआ आदिवासी खिलाड़ी ओलंपिक खेलेगा. यही शुभकामना है.बता दें, बिरसा मुंडा जयंती (15 नवंबर) के उपलक्ष्य में आज जनजातीय गौरव दिवस समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया पदयात्रा के लिए मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएम साय कर रहे हैं, जिसमें कई केबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ 10,000 से अधिक ‘माई भारत यूथ वालंटियर्सÓ भी शामिल हुए हैं. इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और अनेक कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया है.
राज्य स्तरीय आयोजन 14 नवंबर से
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती-जनजातीय गौरव दिवस पर राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में 14 और 15 नवंबर को दो दिवसीय राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 14 नवंबर को दोपहर 12.30 बजे मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। 14 नवंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन एव जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहेब और इन्द्रकुमार साहू शामिल होंगे।
दूसरे राज्यों से पहुंचने लगे नर्तक दल
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस पर राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। जनजातीय गौरव दिवस पर अपने नृत्य की प्रस्तुति देने नर्तक दलों छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। आज अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, राजस्थान और सिक्किम के आदिवासी नर्तक दल रायपुर पहुंच चुके हैं। अरूणाचल प्रदेश के नर्तक दल आदिलोक नृत्य नाटिका, उत्तराखंड के नर्तक दल झींझी, होली, हन्ना और दिया नृत्य, तेलंगाना के नर्तक दल माथुरी जनजाति नृत्य, राजस्थान के नर्तक दल वालर गरासिया गैर नृत्य और सिक्किम के नृतक दल सुब्बा लोक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे। उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर एवं 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में संध्या 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ-साथ जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन भी होगा।
राजधानी में दो दिनों तक बिखरेगी आदिवासी लोक नृत्यों की छटा
राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे।
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स (North Curve Hills) से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे श्री मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता (Fertility) के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे श्री जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं।
श्री जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है।
हेलीपैड पर हुआ आत्मीय स्वागत
इससे पहले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और सांसद श्री राधेश्याम राठिया पुलिस लाइन हेलीपैड जशपुर पहुंचे। हेलीपेड में उनका सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक श्रीमती गोमती साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, रामप्रताप सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, संभागायुक्त श्री गोविन्दराम चुरेन्द्र, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस महानिरीक्षक श्री अंकित गर्ग, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आत्मीय स्वागत किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा के 150 वें जन्म-जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित ‘माटी के वीर पदयात्रा’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जशपुर पहुंचे है। भगवान बिरसा मुंडा माटी के वीर पदयात्रा में केंद्रीय श्रम, रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया भी शामिल होंगे। कार्यक्रम स्थल को स्थानीय परिवेश में सुपा ,बांस का लालटेन, टोपी, धान की बाली बांस की टोकरी आदि से सजाया गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, माटी के वीर पदयात्रा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े आज सुबह जशपुर पहुंचे। जशपुर के आगाडीह एयरपोर्ट पहुंचने पर केन्द्रीय मंत्री श्री मंडाविया एवं अन्य मंत्रीगणों का वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, पत्थलगाँव विधायक श्रीमती गोमती साय, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया।

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