अमेरिका की एक महिला हाउस वाइफ बने रहने के लिए अपने पति से हर हफ्ते 100 डॉलर लेती है. पति को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है. दोनों ऐसा करके खुश हैं. महिला का कहना है कि उसका पति उसे खाना बनाने और घर की साफ-सफाई करने के लिए हर हफ्ते लगभग 100 डॉलर देता है. यह उसकी हाउस वाइफ बने रहने की सैलरी है.
28 वर्षीय एलिसा बताया कि मेरे पति ने मुझे घर की देखभाल करने की नौकरी दी है. यह मेरी अब तक की सबसे अच्छी नौकरी है. मुझे इसके कई फायदे मिल रहे हैं. मैं अन्य महिलाओं को भी अपनी इस वित्तीय सफलता के बारे में बताती हूं और ऐसी जीवनशैली अपनाने को प्रेरित करती हूं. एलिसा के YouTube चैनल पर 182,000 से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं, जिन्हें वो एक ट्रेडिशनल वाइफ बने रहने के फायदे के बारे में बताती हैं.
सेना में काम करते थे पति-पत्नी
महिला ने बताया कि उसकी मुलाकात उसके पति टॉम से उस समय हुई थी, जब वे दोनों सेना में थे. तब दोनों साथ में काम और पढ़ाई कर रहे थे. उसी वक्त उन्होंने डेटिंग शुरू कर दी थी. एलिसा बताती हैं कि उस समय मुझे पता नहीं था कि कभी मैं अपने करियर और महात्वाकांक्षाओं को पीछे रखकर एक घरेलू जीवनशैली को अपनाउंगी.
शादी के बाद एक सामान्य जिंदगी चाहता था कपल
सगाई के बाद एलिसा को लगा कि उसका होने वाला पति घर और खुद पर थोड़ा और ध्यान देना चाहता है. इसके लिए जरूरी था कि जॉब छोड़कर वह एक घरेलू महिला बनकर एक सामान्य पत्नी की तरह रहे और घर की देखभाल करे. इससे दोनों का रिश्ता भी सामान्य बना रहेगा और दोनों खुश रहेंगे. एलिसा ने बताया कि अब मैं ढाई साल से टॉम के साथ हूं और अपने पहले बच्चे की मां बनने वाली हूं. हमलोग एक सामान्य जिंदगी चाहते थे.
आखिर क्यों प्रति सप्ताह 100 डॉलर में तय हुआ हाउस वाइफ बनना
महिला ने कहा कि शुरू में मुझे लगा था कि मैं एक भौतिक विज्ञानी ट्रायथलीट बनना चाहता हूं. यही मेरी मानसिकता थी. फिर भी हमनें 1950 के दशक की इस जीवनशैली को आजमाने का फैसला किया. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार जब महिला ने हाउस वाइफ बनने का फैसला किया तो उसका पति काफी खुश हो गया. लेकिन इसके लिए उसे अपनी जॉब छोड़नी थी. इसलिए एलिसा ने पति से प्रति सप्ताह लगभग 100 डॉलर सैलरी मांगी. जिससे वह कभी-कभार शॉपिंग कर सके. इसके लिए पति खुशी-खुशी तैयार हो गया.
सेना की जॉब से ज्यादा घर पर रहकर मिल जाती है सैलरी
वहीं पति टॉम ने बताया कि वह वास्तव में बहुत सारी चीजें नहीं मांगती है, जिनकी उसे जरूरत नहीं है. वह आर्थिक रूप से काफी अनुशासित है. टॉम इस समझौते से बहुत खुश हैं. उन्हें लगता है कि उन्हें तनाव मुक्त जीवन जीने का मौका मिला है. वहीं अपनी नौकरी छोड़ना एलिसा के लिए भी वरदान साबित हुआ. उसने बताया कि मैं अब शादीशुदा हूं, जितना मैं सेना में रहते हुए कमाती थी, उससे कहीं ज्यादा कमाती हूं और यह मेरी अब तक की सबसे अच्छी नौकरी है. साथ ही हम दोनों काफी खुश हैं.
नौ से पांच की नौकरी से बताया बेहतर
एलिसा ने कहा कि यह किसी भी नियमित नौ से पांच की नौकरी से कहीं बेहतर है. यह एक वास्तविक बॉस के साथ वास्तविक नौकरी करना है. ध्यान रखें कि कहीं और जॉब करने पर आपका बॉस एक ऐसा आदमी होता है जिसे आपकी परवाह नहीं है. वह आपको कल नौकरी से निकाल देगा, मेरा पति मुझे कल नौकरी से नहीं निकालेगा.
नारीवादी महिलाएं कर रहीं आलोचना
एलिसा की इस जीवनशैली की फेमिनिस्ट काफी आलोचना कर रही हैं. जिन्होंने उन्हें आलसी कहा है और उन पर अधिक सम्मानित काम की आड़ में एक सामान्य ‘गोल्ड डिगर’ होने का आरोप लगाया है. एलिसा ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी कई नारीवादी हैं जो मुझसे नफरत करती हैं, जिनमें से अधिकांश अविवाहित हैं, जिनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है.
पति ने पत्नी पर लगे आरोपों का किया बचाव
गोल्ड डिगर के आरोप पर पति टॉम ने कहा कि मेरी पत्नी से मुझसे प्रति सप्ताह 100 डॉलर मांगे. यह किस तरह की गोल्ड डिगर हो सकती है. एलिसा ने कहा कि सौभाग्य से कुछ महिलाओं से बहुत सारी सकारात्मक टिप्पणियां भी मिलती हैं. वह अंततः चाहती है कि महिलाओं को पता चले कि उनके पास काम के अन्य विकल्प भी हैं.
आधुनिक रिश्ते में लोग नहीं रहते खुश…
एलिसा का कहना है कि मुझे लगता है कि अधिकांश आधुनिक रिश्ते में लोग खुश नहीं हैं. पुरुष महिलाओं की तरह व्यवहार करते हैं. महिलाएं पुरुषों की तरह व्यवहार करती हैं और जब वे एक साथ होते हैं तो उनके बीच वास्तव में असंतुलन बन जाता है. (aajtak.in)