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अब समय बदल गया है, आतंकवादी अपने घरों में भी डरते हैं- नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आतंकवाद और भारत की स्थिति पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने मौजूदा समय में आतंकवाद और करीब डेढ़ दशक के पहले की स्थिति की तुलना की। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर चुनौती देते हुए कहा कि भारत अब बदल चुका है। आतंकवादी अब अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि पिछली सरकारों के समय आतंकवाद के कारण लोग असुरक्षित महसूस करते थे। पीएम मोदी ने भले ही किसी का नाम नहीं लिया हो, लेकिन आतंकियों के घरों का जिक्र कर निशाना निश्चित रूप से पाकिस्तान ही था। भारत वैश्विक मंचों पर कई बार पाकिस्तान की आतंकियों को पनाह देने की नीति को दुनिया के सामने रख चुका है। एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, विकास और उनकी सरकार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि अब आतंकवादी अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं, यह भारत की सुरक्षा में आई मजबूती का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले की रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज मैंने एक प्रदर्शनी में 26/11 के हमले से जुड़ी रिपोर्टें देखीं। उस समय आतंकवाद भारतवासियों के लिए एक बड़ा खतरा था और लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि अब स्थितियां बदल चुकी हैं कि अब आतंकवादी अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनी में उन्होंने कश्मीर का भारत में विलय की पुरानी खबरें देखीं और उन्हें वैसा ही उत्साह महसूस हुआ जैसा देश के लोगों ने अक्तूूबर 1947 में महसूस किया था। उन्होंने कहा कि उस क्षण मुझे अहसास हुआ कि कैसे अनिर्णय की स्थितियों ने सात दशक तक कश्मीर को हिंसा में घेर कर रखा। मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में रिकॉर्ड मतदान की खबरें अखबारों में छप रही हैं।पीएम नाइजीरिया संग तीन देशों की यात्रा पर रवानानई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के ब्राजील और नाइजीरिया एवं गुयाना की पांच दिवसीय यात्रा पर शनिवार को रवाना हो गए। श्री मोदी ने पालम वायुसैनिक अड्डे से विशेष विमान से रवाना होने से पहले अपने वक्तव्य में जी-20 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं तथा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सार्थक चर्चा की आशा जताई।

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